अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ, बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ तथा बिहार पेंशनर एसोसिएशन के आवाहन पर मंगलवार को जिला पदाधिकारी के समक्ष प्रदर्शन के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया। जिसका नेतृत्व अध्यक्ष संजय त्रिपाठी, जिला मंत्री लाल बाबूराम, पेंशनर एसोसिएशन के संयोजक एवं महासंघ के अध्यक्ष अरुण कुमार ओझा ने किया। कर्मचारियों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने केंद्र एवं बिहार सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों का खुलकर आलोचना करते हुए कहा कि राज्य के लाखो कर्मचारियों के साथ कुठार घात किया जा रहा है।
अपनी मांगों को लेकर कई वर्षों से हमलोग आंदोलनरत है। लेकिन सरकार द्वारा सकारात्मक निर्णय नही लिया जा रहा है इससे कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। संजय त्रिपाठी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा की अगर कर्मचारियों की मांग पर ध्यान नहीं दिया गया तो सरकार को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा। वही पीएफआरडीए एक्ट रद्द करने पुरानी पेंशन बहाल करने, आउट सोर्स ठेका कर्मियों को नियमित करने, रिक्त पड़े पदों पर नियमित बहाली करने, न्यूनतम वैधानिक ₹26000 का भुगतान करने, 18 माह का बकाया महंगाई भत्ता का भुगतान करने, जबरन सेवानिवृत्ति करने वाले आदेश वापस किया जाय समेत 16 सूत्री मांग पत्र था संयोजक अरुण कुमार ओझा ने एसोसिएशन के तरफ से 16 सूत्री मांग पत्र प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम से डीएम को सौंपा गया।
सौंपे गए उक्त मांगों के अलावा 65 साल से 5 साल के अंतराल पर 20% की बढ़ोतरी, 85 साल में 100% किया जाए। भारत के सभी बुजुर्गों जिनकी आयु 60 वर्ष हो गई हो उनको ₹5000 मासिक पेंशन की व्यवस्था किया जाए। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत पेंशनर सहित अन्य बुजुर्गों को शर्तरहित एवं निशुल्क शामिल किया जाए। भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा का रोजगार प्राप्त करने का अधिकार समाधान में संरक्षित किया जाए। अन्य वक्ताओं में प्रभात सिंह परमहंस सिंह मनोज कुमार चौधरी कुंदन झा आनंद सिंह अमरनाथ सिंह वीरेंद्र प्रसाद विजेंद्र प्रसाद राजीव कुमार मीरा कुमारी अनिता उषा कुमारी महावीर पंडित हरेराम सिंह मालती कुमारी सुमित्रा कुमारी आदि थे।
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