कम नींद से रोगप्रतिरोधक क्षमता कम होती है तथा दुःख, चिंता, भावनात्मक अशांति, अवसाद और भय जैसी नकारात्मक प्रवृतियां बढ़ती है। उक्त बातें आर्ट ऑफ लिविंग की योग शिक्षिका वर्षा पांडेय ने एक दिवसीय मेडिटेशन कार्यक्रम के दौरान कहीं। उन्होंने बताया कि कम सोना या नींद के बार बार भंग होने से मधुमेह, उच्च रक्तचाप एवं अन्य गंभीर व जटिल बीमारियां हो सकती हैं। नींद की कमी से थकान, कमजोर स्मरण शक्ति, चिड़चिड़ापन, शरीर में दर्द एवं एकाग्रता में भी कमी होती है। वहीं अच्छी नींद के महत्वपूर्ण लाभ भी हैं। कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को संस्था के बाजार समिति स्थित कार्यालय पर हुआ। जिसमें करीब 40 शहरवासियों ने हिस्सा लिया।
सोने से एक घंटे पूर्व बंद कर दें मोबाइल / कम्प्यूटर
योग शिक्षिका ने बताया कि पैदल चलना, हल्की दौड़, योग आसन, योग निद्रा, प्राणायाम, सुदर्शन क्रिया, ध्यान और सात्विक आहार ये सभी प्राण ऊोर्जा के स्तर को बढ़ाते हैं। कहा कि सोने के समय जहां तक संभव हो रोशनी कम कर दें। शाम के बाद निकोटिन, कैफीन या अल्कोहल का सेवन न करें। सोने से एक घंटे पूर्व टीवी, कम्प्यूटर, मोबाइल फोन आदि को बंद कर दें। बहुत चमकदार रोशनी, एलईडी की रोशनी नींद को बाधित कर देती है।
सही पाचन के लिए सजगता से करें भोजन
भोजन धीमी गति से ठीक से चबाकर खाएं। प्रत्येक निवाले का सजगता पूर्वक आनंद उठाएं। सजगता से भोजन करने से भोजन की मात्रा संतुलित रहती है और उसका सही प्रकार से पाचन भी होता है। जितना हो सके प्रतिदिन भोजन और व्यायाम का समय निश्चित रखें। पानी का पर्याप्त सेवन करें। विभिन्न रंगों की फलों और सब्जियों को अपने भोजन में प्रचुर मात्रा में शामिल करें। परिशोध चीजों यानी कि सफेद मैदा ब्रेड इत्यादि से दूर रहें या इसकी कम मात्रा लें। मोटे अनाजों को अपने भोजन में स्थान दें।
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