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महाबोधि मंदिर परिसर में आयोजित 16वां इंटरनेशनल त्रिपिटक सुत्तपाठ अब 07 से 17 मई तक प्रस्तावित है। इसकी जानकारी आयोजक इंटरनेशनल त्रिपिटक सुत्तपाठ काउंसिल व लाइट ऑफ बुद्धधर्म फाउंडेशन इंटरनेशनल की हेड वांगमो डिक्सी ने दी। इसे कोरोना के कारण दिसंबर 2020 में स्थगित कर दी गई थी। इसका आयोजन 02 दिसबंर से प्रत्येक साल होती थी, जिसमें 13 दिसंबर को गया के जेठियन से राजगीर के वेणुवन तक पदयात्रा भी होती थी।
इस साल सुत्तपाठ के पहले शोभयात्रा भी नहीं निकाली जाएगी। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि 11 देशों के 108 वरिष्ठ बौद्ध भिक्षु हिस्सा लेगें व सरकार द्वारा जारी एसओपी का पालन करेगें। इसके लिए विशेष अनुमति मिली है व उन वरीय बौद्ध भिक्षुओं को आमंत्रित किया जाएगा, जो यात्रा कर सकते हैं। इसके बाद 17वां सुत्तपाठ अपने निर्धारित समय पर दिसंबर 2021 से शुरू करने की भी जानकारी दी। वियतनाम बौद्ध संघ इसका आयोजक है।
वर्चुअल होगा पाठ
108 बौद्ध भिक्षुओं के अलावा, अन्य लोगों को इससे वर्चुअल जोड़ा जाएगा। इसके लिए वेबसाइट बनाया गया है। बोधगया में सुत्तपाठ शुरू होने के दौरान इसका लिंक उपलब्ध कराया जाएगा। जिन लोगों की मृत्यु हुई, उन्हें नाम के साथ श्रद्धांजलि भी दी जाएगी।
स्थगन से हुई थी क्षति
इस सूत्रपाठ में लगभग पांच हजार बौद्ध भिक्षु व श्रद्धालु हिस्सा लेते थे। दिसंबर में इसके स्थगित होने से बोधगया के लगभग चार करोड़ के व्यवसाय पर असर पड़ा। इससे स्थानीय बौद्ध मठ भी प्रभावित हुए हैं। यह बोधगया के सलाना पूजा में सबसे महत्वपूर्ण है।
किन देशों के भिक्षु होते हैं शामिल
थेरवादी बौद्ध परंपरा को मानने वाले नौ एशियाई देश-म्यांमार, थाइलैंड, नेपाल, भारत, वियतनाम, श्रीलंका, लाओस, कंबोडिया व बांगलादेश इस सुत्तपाठ में हिस्सा लेते हैं। इसके अलावा इंडोनेशिया व मलेशिया के बौद्ध श्रद्धालु भी शामिल होते हैं। इसके अलावा फ्रांस, अमेरिका, इंगलैंड, ब्राजील, कोरिया, हांगकांच, चीन सहित कई अन्य देशों के श्रद्धालु आते हैं।
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