प्रखंड मुख्यालय से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित व अमवां गांव के पास बसे 400 साल पुराने शिव मंदिर का निर्माण कराया गया था। कहां जाता है कि बोधगया मठ के पहले बाबा घमण्डीनाथ इसी शिव मंदिर में बैठकर सालों तपस्या किया करते थे। ग्रामीणों के अनुसार गांव के पास व निरंजना नदी के तट पर इस शिवालय के रहने के कारण आस पास के दर्जनों गांव के लोग यहां सावन एवं अन्य माह में पूजा करने आया करते थे। यहां तक कि शिवरात्रि में यहां भव्य मेला का भी आयोजन किया जाता था। परन्तु धीरे धीरे लोगों की अनदेखी के कारण यह धरोहर समाप्त होते जा रहा था। जिसके बाद लॉक डाउन में अमवां गांव के पास बने हमारा पैट्र्ोल पंप के मालिक नन्द किशोर प्रसाद एवं गांव के युवाओं में इस मंदिर के जीर्णोद्धार कराने का विचार आया। जिसके बाद आनन फानन में एक कमेटी बनाई गई। नन्द किशोर प्रसाद के नेतृत्व में दर्जनों युवा मंदिर जीर्णोद्धार कार्य मे अपनी अपनी सहभागिता निभाने का आश्वासन दिया। बस फिर क्या,युवाओं की टीम ने अपनी अपनी निजी सहयोग व आपस में चंदा इकठ्ठा कर मंदिर को भव्य रूप देने की तैयारी में जुट गए हैं। मंदिर का रंगाई पुताई कार्य एवं मंदिर में टाइल्स लगाया गया। सोमवार को मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण होने के बाद ग्रामीणों के सहयोग से पूजा का आयोजन किया गया।
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