मिर्जा गालिब कॉलेज गया के एमएम हॉल में गुरुवार को महिला सशक्तिकरण पर एक शानदार सभा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी सह एसएसपी गया हरप्रीत कौर उपस्थित हुईं। अपने बीस मिनट से अधिक के संबोधन में श्रीमती कौर ने कहा कि महिला को कमजोर या निर्बल नहीं कहा जा सकता। कहा कि झांसी की रानी से इंदिरा गांधी तक महिलाओं ने ताकतवर होने का सबूत दिया है। बस जरूरत है कि महिला अपनी शक्ति और सामर्थ्य को पहचान सके।
उन्होंने याद दिलाया कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने गोद में बच्चे को रखकर युद्ध लड़ा था। एसएसपी ने अपनी बात रखते हुए आगे कहा कि संविधान द्वारा प्रदत्त रिजर्वेशन महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए है। उन्होंने बताया कि बिहार वह राज्य है जहां पूरे हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा महिलाएं पुलिस सेवा में हैं। उनसे छात्र -छात्राओं ने प्रश्न सत्र में कई सवाल भी पूछे। जवाब में श्रीमती कौर ने कहा कि पढ़ने का मतलब सिर्फ सरकारी सेवा में जाना नहीं होता. और भी बहुत सारी जगह है जहां पर पढ़े -लिखे की जरूरत पड़ती है।
एक छात्रा के प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि लड़कियों को दूसरे की बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए। बल्कि उन्हें प्रूफ करना चाहिए कि वह अच्छी हैं और अच्छा कर सकती हैं। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट दीपक कुमार ने कहा कि आज सोशल साइट के बिना जीवन अधूरा है। महिलाएं भी सोशल साइट पर एक्टिव हैं।
घटनास्थल पर प्रतिरोध करते समय घबराएं नहीं लड़कियां
एसएसपी ने अपने बचपन से लेकर आईपीएस बनने का सफर को बताया कि कैसे सरकारी स्कूल में पढ़कर आईपीएस बनी। कैसे अपने दोस्त से मोटिवेट हुई। आईपीएस ने पोक्सो से संबंधित जानकारी घरेलू हिंसा भ्रूण हिंसा, कार्यालय में महिलाओं के साथ उत्पीड़न पर बच्चों से वार्ता की। उन्होंने बताया कि कानून में आईपीसी कैसे महिलाओं को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाती है। कार्यक्रम के दौरान एसएसपी हरप्रीत कौर नेे बच्चों से कहा कि चुनौती और असफलता से नहीं घबराएं। हिम्मत रखें और लगातार प्रयास जारी रखें।
इसके बाद अपनी बात रखते हुए महिला थाना गया की रवि रंजना कुमारी और वरीय परामर्शदाता परिवार परामर्श केंद्र की डॉ. नीलम महाजन ने इस मुद्दे को विस्तार से बताया कि किस स्थिति में महिला को कैसे सुरक्षा रखनी चाहिए। थानाध्यक्ष ने कहा कि घटनास्थल पर प्रतिरोध करते हुए कभी लड़कियों को घबराना नहीं चाहिए। आवाज देनी चाहिए ताकि आसपास के लोग सहायता प्रदान कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि हमें इमरजेंसी नंबर पता होना चाहिए, यह आपके मोबाइल में नहीं होना आपकी उदासीनता को दिखलाता है। थानाध्यक्ष ने कई टिप्स भी दिए। उन्होंने कहा क़ि मोबाइल का बटन को कैसे तीन बार लगातार दबाएं ताकि 112 पर कॉल हो जाए।
कई लोगों को किया गया सम्मानित
कॉलेज के सचिव शबी आरफीन शमसी के द्वारा एसएसपी गया श्रीमती कौर, महिला थानाध्यक्ष रवि रंजना कुमारी, साइबर एक्सपर्ट दीपक कुमार आदि को सम्मानित भी किया। मौके पर मिर्जा गालिब कॉलेज के कई ऐसे कर्मियों को प्रमाण पत्र देकर एसएसपी के द्वारा सम्मानित किया गया, जिन्होंने कॉलेज के लिए अपना बहुमूल्य योगदान दिया है।
सम्मानित होने वाले कर्मियों में डॉ.शुजाअत अली खान, डॉ. शरबत शमसी, डॉ. जावेद खान, डॉ.मंसूर अहमद, डॉ. आफताब खान, डॉ. सारिम अब्बास, डॉ. काशिफ मंसूर, डॉ. नुसरत जबीं सिद्दीकी, डॉ. इबरार खान, डॉ. फैजान, डॉ. परवेज बहाव, डॉ. अकरम वारिस, डॉ. अबू हुजैफा, डॉ. जियाउर रहमान जाफ़री मेहंदी हसन और हन्जला अफरज आदि शामिल हैं। कार्यक्रम में प्रभारी प्राचार्य डॉ. सरफराज खान भी मौजूद थे। कार्यक्रम का कुशल संचालन अंग्रेजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सरवत शमसी और उनका सहयोग हिन्दी विभाग की डॉ. नुसरत जबीं सिद्दीकी ने किया।
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