गया में देश के सबसे बड़े रबर डैम 'गया जी डैम' का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज उद्घाटन किया। गुरुवार को मोक्षदायिनी फल्गु नदी पर विष्णुपद मंदिर के देवघाट के पास बने 'गया जी डैम' और सीताकुंड जाने के लिए बनाए गए पुल का लोकार्पण सीएम ने किया। पितृपक्ष मेला महासंगम-2022 की भी शुरुआत हुई। उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री कुमार के साथ उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी शामिल हुए।
इस संबंध में डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने बताया कि पितृपक्ष मेला पिछले दो साल के बाद आयोजित किया जा रहा है। इस साल पितृपक्ष मेला में पिछले सालों की तुलना में अधिक संख्या में तीर्थयात्री आने का अनुमान है। इसे ध्यान में रखते हुए जिला और पुलिस प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है।
सुरक्षा के पूरे इंतजाम
इससे पहले डीएम ने अधिकारियों के साथ एसडीआरएफ के नाव के माध्यम से फल्गु नदी, सीताकुंड सहित अन्य स्थानों का जायजा लिया और जरूरी निर्देश संबंधित पदाधिकारी को दिए। पितृपक्ष मेला को लेकर पूरे मेला क्षेत्र में सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को लेकर करीब साढ़े चार हजार पुलिसकर्मियों को लगाया गया है।
पिंडदानियों की परेशानी को देखते हुए कराया गया रबर डैम का निर्माण
डीएम डॉ. त्यागराजन ने बताया फल्गु नदी में पानी नहीं रहने के कारण पिंडदान करने वालों को तर्पण देने में काफी कठिनाइयां होती थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर फल्गु नदी के तट पर विष्णुपद मंदिर के नजदीक सालों भर जल उपलब्ध कराने के लिए गया जी डैम का निर्माण कराया गया है।
विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गु नदी के सतही प्रवाह को रोकने के लिए 3 मीटर ऊंचा और 411 मीटर की लंबाई में भारत का सबसे लंबा रबर डैम का निर्माण करवाया गया है, जिसमें 65-65 मीटर लंबाई के छह स्पैन हैं। इसके रबर ट्यूब में आधुनिक स्वचालित विधि से हवा भरी और निकाली जा सकती है, जिसके कारण फल्गु नदी के जल के प्रवाह एवं भंडारण को प्रभावी रूप से संचालित किया जा सकेगा।
इसके साथ ही श्रद्धालुओं के विष्णुपद घाट से सीताकुंड तक पिंडदान हेतु जाने के लिए रबड़ डैम के ऊपर 411 मीटर लंबा स्टील पैदल पूल का भी निर्माण किया गया है। इसके अलावा स्टील पैदल पुल से उतरकर सीताकुंड तक पहुंचने के लिए पैदल पथ भी तैयार किया गया है। साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुराने घाट की चौड़ाई को बढ़ाते हुए टाइल्स लगे हुए कंक्रीट घाट का निर्माण कराया गया है। श्रद्धालुओं द्वारा पिंडदान के समय उपयोग किए जा रहे नदी के पानी की स्वच्छता बनाए रखने के लिए बाएं तट पर 752 मीटर की लंबाई में भूमिगत मनसरवा नाला का भी निर्माण किया गया है।
वहीं दूसरी मौसम का मिजाज भी गुरुवार को बदला-बदला सा नजर आ रहा है। मौसम विभाग की ओर से अलर्ट भी जारी किया जा रहा है। दोपहर के समय बारिश होने की स्थिति बन रही है।
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