सरकारी धन को ठिकाने लगाने में सरकारी कर्मी के साथ- साथ संविदा कर्मी भी कम नहीं हैं। टिकारी अनुमंडलीय अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक ने जेनरेटर के माध्यम से अस्पताल में बिजली सप्लाई और साफ-सफाई के नाम करीब 32 लाख रुपए गबन करने का आरोप है। इस बात का खुलासा प्रशासनिक जांच में हो चुका है। यही वजह है कि तत्काल प्रभाव से उस स्वास्थ्य प्रबंधक का तबादला करते हुए स्पष्टीकरण की मांग की गई है।
साथ ही स्वास्थ्य विभाग को उसकी सेवा समाप्त करने के लिए पटना मुख्यालय को चिट्ठी लिखने को कहा गया है। इस तरह के आदेश डीएम त्यागराजन की ओर से दिए गए हैं। स्पष्टीकरण का जवाब स्वास्थ्य प्रबंधक अजित कुमार को सात दिनों भीतर देना होगा। वह भी साक्ष्य के साथ। वहीं अनुमंडलीय अस्पताल के लेखा अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।
प्रशासन की ओर से कराई गई जांच में खुलासा हुआ है कि वर्ष 2021-22 के दौरान आउट सोर्सिंग के तहत जेनरेटर के माध्यम से की गई विद्युत आपूर्ति व साफ सफाई के नाम पर न केवल अवैध निकासी बल्कि भुगतान भी किया गया। इस बात की पुष्टि होते ही प्रशासन की ओर से जांच कर अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट डीएम त्यागराजन को दी। त्यागराजन ने तत्काल प्रभाव से स्वास्थ्य प्रबंधक ट्राांसफर गुरुआ कर दिया गया और लेखा प्रभारी के खिलाफ सिविल सर्जन को मुकदाम दर्ज कराने का आदेश दिया है। आरोप है कि लेखा प्रभारी व स्वास्थ्य प्रबंधक की सांठगाठ ने 31 लाख 92 हजार 400 रुपये का घोटाला किया गया है। जांच के घेरे में अनुमंडलीय अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी आ गए हैं। उनसे भी अब सवाल जवाब होगा।
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