माह-ए-रमजान...। रहमत, बरकत व इबादत के इस माह में अब मात्र सात दिन शेष हैं। 22 मई को अकीदतमंद रमजान माह के आखिरी जुमा पर अलविदा की नमाज अदा करेंगे। मस्जिद का द्वार बंद होने से इस शुक्रवार भी घर पर ही नमाज अदा होगी। इतिहास में पहली बार माह-ए-रमजान में इफ्तार “लॉक’ रहा, पर गरीब व जरूरतमंदों के पास “दावत’ जरूर पहुंच रही है। समाज के सक्षम वर्ग द्वारा भोजन, सूखा राशन, फल के साथ-साथ पैसे दे रहे हैं। लोगों में नेकी करने की भावना बढ़ गई हैं।
खानकांह के सज्जादानशीं सैयद शाह सबाहउद्दीन चिश्ती मोनमी ने बताया कि इफ्तार की दावत प्रेम व भाईचारा का प्रतीक है। एक साथ बैठ सभी वर्ग इफ्तार की दावत का अानंद उठाते हैं। प्रेम व भाईचारा के लिए दुआं होती हैं। पर वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण इफ्तार “लॉक’ है, जिला प्रशासन द्वारा भी इफ्तार पार्टी नहीं दी गई है, लेकिन इस रमजान में नेकी की भावना बढ़ी हैं। समाज का सक्षम व्यक्ति गरीब व जरूरतमंदों के पास इफ्तार पहुंचा रहे है, ताकि उनका रोजा भी विधिवत तरीके से खुले।
आज से हर रोजा 15 घंटे से ऊपर का
रोजेदारों ने सोमवार को अपना 24 वां रोजा रखा। यह रोजा पूरा 15 घंटे का था। मंगलवार से सभी रोजे 15 घंटे से ऊपर का होगा। शाह अता फैसल ने बताया कि 25 वां रोजा 15 घंटे दो मिनट, 26 वां रोजा 15 घंटे तीन मिनट, 27 व 28 वां रोजा 15 घंटे पांच मिनट, 29 वां रोजा 15 घंटे सात मिनट और 30 वां रोजा 15 घंटे आठ मिनट का होगा। बता दें कि रमजान माह के आखिरी दिनों में गर्मी काफी बढ़ गई है। रोजा रखने में रोजेदारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं।
24 या 25 को मनाया जाएगा खुशियों का त्यौहार ईद
माह-ए-रमजान में अब चंद रोजे शेष हैं। 25 को खुशियों का पर्व ईद मनाया जाएगा। ईद की सामूहिक नमाज को लेकर फिलहाल संशय की स्थिति है। देश में लॉकडाउन 4.0 लागू हैं। इधर लॉकडाउन से ईद का बाजार पूरी तरह से डाउन हो गया हैं। कपड़ों की दुकानें बंद होने से खरीदारी फीकी दिख रही है। धामी टोला का इलाका सुना है। इधर कपड़ा व्यवसायी ने ईद को लेकर दुकानों को खोलने की मांग प्रशासन से की हैं। वहीं इस बार लोग ईद में नए कपड़े खरीदने की जगह उन पैसों से गरीब व जरूरतमंदों की मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं।
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