सिटी रिपोर्टर | गया लॉकडाउन में गया शहर के लोगों तक राशन पहुंचाने की जिम्मेदारी जीविका दीदी को दी गई है। उनके माध्यम से बनाए गए नए राशन कार्ड का वितरण जरूरतमंदों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी दी गई है। राज्य सरकार ने नए राशन कार्ड वितरण में प्रति कार्ड दो रुपए ही लेने का निर्देश दिया है। लेकिन, संबंधित जिम्मेदार अधिकारी व कर्मियों की लापरवाही के कारण जीविका दीदी नजायज ढंग से जरूरतमंदों से प्रति कार्ड 50 से 100 रुपए की वसूली कर रही हैं। बुधवार को गया नगर निगम के वार्ड संख्या 39 में स्थानीय पार्षद के स्थानीय पार्षद संजय कुमार सिन्हा के घर के पास जरूरतमंदों के बनाए गए नए राशन कार्ड का वितरण कार्य जीविका दीदी परिमल सिन्हा द्वारा किया जा रहा था। साथ ही साथ कार्ड के नाम पर अवैध वसूली की जा रही थी। लोगों ने इस बात की शिकायत स्थानीय पार्षद से की। पार्षद के मना करने के बाद भी जीविका दीदी नजायज पैसा लेने पर अड़ी रहीं और राशन कार्ड वितरण कार्य को समाप्त कर जीविका दी घर से बांटने की बात कर चली गई। कुछ ही देर बाद वीडियो वायरल हो गया।
स्थानीय पार्षद व जीविका दीदी के वायरल वीडियो का अंश
जीविका दीदी- हम लोगों को अभी पेमेंट मिलवे नहीं किया है। जब से काम कर रहे है। पार्षद- दो रुपया प्रति कार्ड लेना है। ऐसे परिस्थिति हम क्या करेंगे, आप कहेंगे पैसा लेंगे अगला आदमी बहस करेंगा, आप भी बहस किजिएगा, लोगों को लगेगा की पार्षद ही पैसा ले रहे है। -जीविका दीदी- आपको बदनाम नहीं होने देगे। आप निश्चिंत रहिए। कार्ड वार्ड-39 का आया हुआ है। पार्षद- आप बांट रहे है क्या लीजिएगा क्या दीजिएगा आप समझे। हमको तो लेना देना है नहीं किसी काम में आज तक एक चमनी भी नहीं लिए हैं। हम तो दोनों तरफ से जा रहे हैं। एक तो सरकार की तरफ से की हम इस लाइक भी नहीं है कि हम कार्ड बांट सकें। जनता पूछेगी आप किए क्या? लोगों का राशन कार्ड बनवाने में जो हम किया है, वह हम जानते है क्या पापड़ बेलना पड़ा है। कितना दौड़े है। अब आप कहा बैठ कर कार्ड का वितरण करेंगी। जीविका दीदी- नहीं बांटेगे पार्षद- तब तो हमारे वार्ड में बवाल हो जाएगा। आज बांट दिए कल नहीं बांटेगे, यह कैसे होगा। कहा बांटिएगा, बताएंगे न। जीविका दीदी- अपने घर से बांटेंगे और कहां देंगे। पार्षद- आप अपने घर से। जीविका दीदी- हां। यहां से जिसका लिस्ट में नाम होगा, उसी को भेजिएगा। हमारे पास जो आएगा, उससे कुछ न कुछ लेंगे। क्योंकि इसके लिए मेहनत रात-दिन किए हैं। पार्षद- आपका नंबर जारी करना होगा। जीविका दीदी- आप क्या जारी किजिएगा, ऑफिस से ही नंबर जारी है। पार्षद- आप घर से ही बांटे, हमे कोई परेशानी नहीं है। कम से कम बंट जाएगा, लोगों को मिल जाएगा। यहीं मेरे लिए बड़ी चीज है। जीविका दीदी- मेन बात है इतना मेहनत करने के बाद 100-50 रुपया भी नहीं मिलेगा, अगला बार से मेहनत करना भी छोड़ देंगे। -पार्षद- पब्लिक को यह जानकारी नहीं है कि आप क्यों ले रहे हैं पैसा। यहां तो पब्लिक को समझ में आ रहा है कि आप मेहनत किए है या नहीं। जीविका दीदी- एक-एक हजार रुपया भी एकाउंट में आ गया। उससे भी लोगों को फायदा हुआ। पार्षद- इसमें दो रुपया लगना है पब्लिक का। पार्षद पैसा नहीं ले रहा है, एक भी पार्षद के बारे में बताए। जीविका दीदी- पार्षद के हाथ में कार्ड बनाना और वितरण करने का हईए नहीं है। जो आप बांट दिजिएगा। जो कार्ड मेरे पास है वह 2017 से अब-तक का है। पार्षद- अगर कोई खुशी से देता है। उस पर हमारा कोई विरोध नहीं होगा। लेकिन जबरन नहीं ले। आप कैसे लिजिएगा, आप अलग कह रही है कि बांटवे न करेंगे। हम आज तक एक भी रुपया लिए नहीं है। जीविका दीदी- आपको बीच में पड़ने का नहीं है। हम आपका नाम नहीं आने देगे। आप पैसा नहीं लिए है, हमलोग तो मेहनत किए है, इसलिए कुछ न कुछ लेगे। कोई ज्यादा हम नहीं मांग रहे है दो-चार हजार।
जांच के लिए उप नगर आयुक्त को सौंपा गया प्रतिवेदन
वीडियो प्राप्त होने के बाद मामला मेरे संज्ञान में आया है। नगर निगम के उप नगर आयुक्त को जांच के लिए प्रतिवेदन दिया गया है। जांच के बाद कार्रवाई सुनिश्चित होगी। ऐसे लोगों के विरुद्ध जिला प्रशासन हर हाल में कार्रवाई करेगी। -इंद्रवीर कुमार, सदर एसडीओ गया
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