केंद्र सरकार ने दूसरे चरण की कृषि उड़ान से प्रदेश में गया के अतिरिक्त दरभंगा को भी जोड़ने का प्रस्ताव दिया है। कृषि उड़ान 2.0 के तहत किसानों के उत्पाद को समय पर गंतव्य तक पहुंचाकर नुकसान की संभावना को कम करना है। इसके तहत नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से ऑपरेट किए जा रहे 53 एयरपोर्ट को चुना है, जो कृषि उड़ान 2.0 के तहत कवर होंगे।
2023-24 में आगरा, दरभंगा, गया, ग्वालियर सहित अन्य एयरपोर्ट पर हब और स्पोक मॉडल तैयार होगा। 2022-23 के लिए भी कुछ एयरपोर्ट का चयन हुआ है। गया का चयन जैविक कृषि उत्पाद के लिए हुआ है। किसानों के प्रोडक्ट को एक जगह से दूसरी जगह जल्द पहुंचाने की सरकार व्यवस्था कर रही है।
इससे कृषि के प्रोडक्ट नष्ट नहीं होंगे और इसका फायदा किसानों की आय को बढ़ाने में मिलेगा। योजना के अंतर्गत डॉमेस्टिक कैरियर को लैंडिंग, पार्किंग, लैंडिंग शुल्क और रूट नेविगेशन सुविधाओं के शुल्क पूरी छूट मिलेगी। खाद्य सामग्री ले जाने वाली उड़ानों के लिए टर्मिनल भी बनेगा।
स्कीम में गंतव्य तक सीधी उड़ान की जरूरत नहीं
इस स्कीम से किसी गंतव्य तक सीधी उड़ान की जरूरत नहीं है। किसी कॉमन जगह पर, सभी उत्पाद पहुंचेगा व वहां से उसे गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा। इससे गया जैसे क्षेत्र के किसानों को अपने उत्पाद का मार्केट तलाशना आसान होगा।
कुछ घंटे में सामान पहुंचाने से बर्बादी कम होगी
केंद्र ने कृषि उड़ान के पहले चरण की शुरुआत 2019-20 के बजट में की थी। इस स्कीम से जो सामान किसी जगह पर एक दिन में पहुंचता था, उसको कुछ घंटे में पहुंचाया जाएगा। योजना शुरू होने से कृषि उत्पादों एवं खाद्यान्न की बर्बादी कम होगी।
कार्गो के लिए प्रक्रिया
गया एयरपोर्ट पर कार्गो टर्मिनल प्रस्तावित है। 36 एकड़ में इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। गया एयरपोर्ट को इंटरनेशनल स्वरूप देने के लिए न्यू कार्गो टर्मिनल का प्रस्ताव है, जिसके लिए 110 एकड़ भूखंड के लिए जमीन की अधियाचना की गई है।
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