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ना समय पर रिजल्ट देंगे और न ही खेलने देंगे:नेशनल खेलने मेघालय गए छात्र को नहीं मिल रहा औपचारिक कागजात, मगध यूनिवर्सिटी का कहना सभी खिलाड़ी फर्जी

गया2 महीने पहले
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मगध यूनिवर्सिटी अपने ही बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने पर पूरी तरह से आमदा है। - Dainik Bhaskar
मगध यूनिवर्सिटी अपने ही बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने पर पूरी तरह से आमदा है।

मगध यूनिवर्सिटी अपने ही बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने पर पूरी तरह से आमदा है। न तो पढ़ाएंगे और न ही समय से परीक्षा लेंगे और न ही डिग्री देंगे। साथ ही खेल के क्षेत्र में भी आपका भविष्य उज्जवल नहीं होने देंगे। नेशनल खेलने को जाने के लिए भले ही आपका चयन काहे न हो जाए लेकिन वह चिट्‌ठी ही नहीं भेजेंगें। कुछ ऐसा ही फलसफा इन दिनों मगध यूनिर्वसिटी को हो गया है। नेशनल खेलने के लिए मेघालय गए हैंड बॉल प्लेयर को यहां से न तो औपचारिक कागजात दिए गए और न ही चयन से संबधित प्रमाण पत्र। नतीजन उन्हें खेलने से रोक दिया गया। अब वे सभी खिलाड़ी अपने भविष्य को लेकर खासे चिंतित हैं।

वहीं यूनिवर्सिटी के खेल इंचार्ज बृजेश राय का कहना है कि मेघालय खेलने गए लड़के अपने मन से चले गए हैं। उन्हें यूनिवर्सिटी की ओर से नहीं भेजा गया है। वे सभी फर्जी हैं। उन्होंने बताया कि जिस कॉलेज के वे लड़के हैं उस कॉलेज से उन्हें किसी प्रकार का डॉक्यूमेंट मुहैया नहीं कराया गया है। जिसके आधार पर उन्हें नेशनल खेलने के लिए मेघालय भेज दिया जाता । सारे लड़के अपनी मर्जी से गए हैं।

दरअसल बीते यूनिर्वसिटी के आदेश में कॉलेज में खेल के विभिन्न विधाओं में प्रतियोगिता हुई थी। उसी प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने वालों का चयन कर राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले मैच के लिए टीम तैयार कर भेजना था। हैंड बॉल की टीम के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। हैंड बॉल के लिए नेशनल स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता का चयन कर लिया गया। जिसमें गया कॉलेज और नवादा के एक कॉलेज के खिलाड़ी चुने गए।

इन खिलाड़ियों का कहना है कि उन्हें कहा गया कि सभी खिलाड़ी मेघायलय पहुंचिए। पीछे से यूनिवर्सिटी स्तर से सारे आवश्यक दस्तावेज भेजे दिए जाएंगे। अचरज की बात है कि लड़के आने जाने का खर्च दिए बगैर ही मेघायलय के लिए भेज दिया गया। लेकिन जब वहां वे शनिवार को पहुंचे तो उन्हें खेलने से रोक दिया गया। क्योंकि उनके पास न खुद के चयन का प्रमाण था और न ही यूनिवर्सिटी की ओर से कोई लेटर ही दिया गया था।

ऐसे में इन खिलाड़ियों को मैच खेलने से रोक दिया गया। इस बात से सभी खिलाड़ी यूनिवर्सिटी और अपने कॉलेज से खासे नाराज हैं। उन छात्रों ने मेघायलय से अपना वीडियो भेजा है। वीडियो में उन सभी खिलाड़ियों ने अपनी पीड़ा व्यक्त की है। वे वीडियो के माध्यम से यूनिवर्सिटी से खेलने के लिए गुहार लगा रहे हैं लेकिन यूनिवर्सिटी का कहना है कि वे खिलाड़ी फर्जी हैं।

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