पीपुल फर्स्ट संस्था के अंतर्गत गया जंक्शन पर कार्यरत रेलवे चाइल्ड लाइन को बच्चों के सहायतार्थ आकस्मिक नंबर 1098 पर गोपनीय सूचना प्राप्त हुई कि झारखंड के चतरा जिला अंतर्गत प्रतापपुर थाना के रहने वाले तीन बच्चों को दो बाल तस्करों के माध्यम से बाल श्रम करवाने के उद्देश्य से महाबोधि एक्सप्रेस से दिल्ली ले जाया जा रहा है। इसके उपरांत त्वरित कार्रवाई करते हुए रेलवे चाइल्ड लाइन के समन्वयक विकाश कुमार ने स्टेशन अधीक्षक उमेश कुमार एवं आरपीएफ की उप निरीक्षक पूनम कुमारी को सूचना देने के उपरांत एक टीम बनाई।
इस टीम में आरपीएफ एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की सदस्य उप निरीक्षक पूनम कुमारी, उप निरीक्षक जावेद इकबाल, आरक्षी अमित कुमार सीआईबी के प्रधान आरक्षी सुभाष चंद्र सिंह, रेलवे चाइल्ड लाइन के परामर्शदाता मनोज कुमार, टीम मेंबर अपराजिता आज़ाद और जाहिद अख्तर को रखा गया।
गया जंक्शन के बाहरी परिसर में छानबीन एवं जांच पड़ताल करते हुए तीनों बच्चो को दलालों के चंगुल से मुक्त करवाया गया। बच्चों ने बताया कि उन्हें वहां कार्य के बदले 4000 रुपया प्रतिमाह देने की बात कही गई थी, इन बच्चों को जिला बाल कल्याण समिति गया के आदेशानुसार बाल गृह भेज दिया गया। वही दोनों दलालों पर राजकीय रेल थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है। चाइल्ड लाइन के निदेशक दीपक कुमार ने बच्चो की तस्करी रोकने के लिए अपनी टीम को तैयार रखा है ताकि गया जंक्शन से एक भी बच्चे की तस्करी न हो सके।
जब भी बच्चो का झुंड किसी एक दो व्यक्ति के साथ देखे तो तुरंत रेल थाना एवम रेलवे सुरक्षा बल को सूचित करते हुए बच्चों को विमुक्त करने का प्रयास करें जिसके लिए लगातार रेलवे परिसर में जागरूकता कार्यक्रम भी चलाई जा रही है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.