बैंकिंग फ़्रॉड के मामले तो सामने आ जाते हैं लेकिन महिलाएं आज भी थाने जाने से डरती हैं। ऐसे में भारत सरकार के द्वारा जारी पोर्टल अब इनकी आवाज को पुलिस तक पहुंचा रहा है। पुलिस भी इन शिकायतों को पोर्टल लॉगिन कर ध्यान दे रही है। कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन शिकायत कर सकता है और इस शिकायत को पीड़ित के नजदीकी थाने को जांच के लिए अग्रसारित कर दिया जाता है। अब थाने के इंस्पेक्टर भी पोर्टल लॉगिन कर केस को रिव्यू करने लगे हैं।
इनबॉक्स में अश्लील मैसेज, फोटो, वीडियो भेजने की शिकायतें
कई महिलाएं बेवजह साइबर बुलिंग और स्टाकिंग की शिकार हैं। कई महिलाओ का कहना है कि किसी से जान पहचान नहीं है और इनबॉक्स मे अश्लील मैसेज, फोटो वीडियो भेजने के साथ वीडियो कॉल मैसेंजर पर लोग परेशान करते हैं। कई लोग पैसे और पावर के सहारे धमकी देते हैं। कई महिलाओ को ऑफिस के कलीग ही परेशानी है।
निजी तस्वीरें बन रहीं ब्लैकमेलिंग का जरिया
महिलाएं थाने आने के बजाय पोर्टल पर शिकायत करना मुनासिब समझ रही हैं। कई महिलाएं फर्जी वेबसाइट की शिकार हैं, तो कई शादीशुदा महिलाएं किसी के प्रेम के बहकावे मे आकर अपनी निजी तस्वीर दे दे रही हैं। जो इनके ब्लैकमेल का जरिया बन जाता है। कई महिलाएं तो शादी के बाद अपने पूर्व प्रेमी से परेशान हैं। फर्जी अकॉउंट के सहारे उन्हें परेशान किया जाता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
कई राज्यों की पुलिस को ट्रेनिंग देने वाले साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट दीपक ने बताया कि देश के कई राज्यों के पुलिस स्टेशन इस पोर्टल को एक्सेस करने लगे हैं। सबसे हैरानी की बात है कि शिकायतों में सिर्फ 25 % मामला ही फाइनेंशियल क्राइम से जुड़ा है, जबकि 75% मामले महिलाओं के उत्पीड़न और कॉलेज की छात्राओं से जुड़ा है।
स्कूलों के बच्चे साइबर बुलिंग और स्टाकिंग के शिकार
स्कूलों के बच्चे साइबर बुलिंग और स्टाकिंग का शिकार है। स्कूल के बच्चे के नाम से फेक अकॉउंट बनाकर चैट करना और आचरण धूमिल जैसे तथ्य शामिल हैं। ऐसे मे देखा जा रहा है 80% लोग किसी ना किसी रूप मे जान पहचान के हैं। 20 ही अनजान हैं। हालात यह भी है की कई पुरुष जान पहचान की महिला से परेशान ब्लैकमेल होकर इस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराए हैं। कई लोग तो हनी ट्रैप का शिकार भी हुए हैं जिसमे 60 साल से उपर के लोग भी हैं। ईमेल स्पूफ,फिशिंग, वित्तीय फ़्रॉड, नौकरी धोखादारी, ऑनलाइन वैवाहिक धोखाधड़ी, पहचान की चोरी, कॉपी राइट जैसे तथ्य भी शामिल हैं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.