निकाय चुनाव की घोषणा के बाद से एक ओर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के बीच खुशी का माहौल है। तो वहीं प्रत्याशियों से अधिक उन व्यवसायियों के बीच खुशी है जो चुनाव प्रचार सामग्री तैयार करते हैं। उन्हें अब ऑडर के फंसे हुए लाखों रुपए निकलने की उम्मीद बढ़ गई है। कारण प्रत्याशियों द्वारा फोन कर दो महीना पूर्व दिए गए ब्लक आर्डर से संबंधित पूछताछ और पेंमेंट क्लीयर करने का आश्वासन है।
जिले के नगर निगम के अलावा नगर पर्षद के चुनाव सितंबर में उफान मार रहा था। चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी अपने सिंबल के साथ प्रचार प्रसार के लिए प्रिंटिंग प्रेस से संपर्क में थे। प्रत्याशियों ने अपनी हैसियत के अनुसार प्रिंटिंग प्रेस में चुनाव प्रचार के लिए विभिन्न चीजों के लिए ऑडर बुक करा रखा था। बड़ी संख्या में प्रत्याशियों ने प्रिंटिंग प्रेस वालों को एडवांस में कुछ भुगतान भी कर रखा था। लेकिन पेमेंट किसी ने भी क्लीयर नहीं किया था। एडवांस देने वाले प्रत्याशियों के ऑर्डर के तहत उनकी चुनाव सामग्री प्रिंटिंग प्रेस वालों ने तैयार कर दी थी। इस बीच चुनाव स्थगित कर दिया गया। इस आदेश के आते ही प्रिंटिग प्रेस वालों के ऊपर आफत आ गई। तैयार चुनाव सामग्री लेने के लिए प्रत्याशियों का आना बंद हो गया। यहां तक कि प्रिंटिंग प्रेस वालों से टेलीफोनिक संपर्क करना भी छोड़ दिया। इससे प्रिंटिग प्रेस वालों की हालत खस्ता हो गई। उनके लाखों रुपए फंस गए। शहर के कई प्रिंटिंग वालों के पेंमेंट फंस गए।
शहर के बड़े प्रिंटिंग प्रेस मंगलम के पार्टनर संतोष कुमार का कहना 15-20 लाख रुपए फंसे पड़े हैं। लेकिन अब उम्मीद जागी है कि पेमेंट बहुत हद तक क्लीयर हो जाएगा। क्यों कि चुनाव की घोषणा हो चुकी है। हालांकि इस पर भी संशय बना हुआ है फिर भी यदि चुनाव होता है तो पेमेंट अब निकल ही जाएंगे।
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