शहर के आजाद पार्क स्थित गया जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन भवन में शनिवार को काव्य संध्या 404 वां आयोजन किया गया। इस बार की काव्य संध्या मगही के कबीर रामपुकार सिंह राठौर को समर्पित रही। सबसे पहले विजय कुमार शर्मा ने इन पर काव्यांजलि पेश की।
कहा मगह में मगही के तू कबीर भईया, तनिको सुख न हे नयनन में नीर भईया...। साहित्यकार कृष्ण कुमार सिंह ने अपनी कविता वे नहीं रहे, उनके शब्दों पर उंगलियों से शिनाख्त कर जनता हूं...सुनाया। मुद्रिका सिंह ने राठौर जी पर समर्पित कविता मगध माटी के अमर सपूत, एक मूर्तिमान साहित्यकार, सुनते ढक से लगल हमरा, न रहलन रामपुकार...कहीं। डॉ राकेश कुमार सिन्हा रवि ने कविता रामपुकार नामे से लिखलन रामबोला, त्रिवेणी हे एक धरोहर भरलन मगही झोला...सुनाया।
इस मौके पर अंजू कुमारी, सुमन विश्वकर्मा, गजेन्द्र लाल अधीर, शंकर प्रसाद, उप सभापति खालिक हुसैन परदेसी, महामंत्री सुमंत, डॉ राम परिखा सिंह, अभ्यानन्द मिश्र, चन्द्रदेव प्रसाद केशरी, अजीत कुमार, पंकज कुमार अमन, उदय सिंह, शैलेश कुमार ज्ञानी, कपिलदेव तिवारी आदि मौजूद थे।
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