दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए डोर टू डोर सर्वे का काम जिले में शुरू कर दिया गया है। इसके लिए समावेशी शिक्षा के कर्मियों रिसोर्स टीचर, पुनर्वास विशेषज्ञ, बीआरपी व मेंटर शिक्षकों की टीम बनाई गई है। हर प्रखंड में वहां के संबंधित कर्मी को सर्वे करने का काम सौंपा गया है। डीपीओ समग्र शिक्षा ने बताया कि सर्वे का काम 10 जून तक किया जाएगा। इसके बाद पहचान किए गए दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए उनका संबंधित सरकारी स्कूलों में उम्र सापेक्ष कक्षाओं में नामांकन कराया जाएगा।
इसके लिए सर्वे करने वाली टीम को प्रपत्र दिया गया है। जिसमें उन्हें गांव- गांव पहुंच कर दिव्यांग बच्चों की पहचान करनी है। उसके बाद प्रपत्र में उनका विवरण दर्ज करना है। इस प्रपत्र में दिव्यांग बच्चों के संबंध में बच्चे का नाम, जन्मतिथि तथा उसके जेंडर के बारे में जानकारी प्रपत्र में इंट्री की जाएगी। वह दिव्यांग बच्चा किस गांव, मुहल्ला या टोला से है। उसके माता-पिता का नाम, आधार नंबर, मोबाइल नंबर,दिव्यांगता का प्रकार, स्कूल में नामांकित या अनामांकित, नामांकित है तो स्कूल का नाम, उसे सहायक उपकरण मिला है या नहीं, उसके पास दिव्यांगता प्रमाण पत्र है नहीं, उसे दिव्यांगता पेंशन मिल रही है या नहीं दर्ज किया जाएगा। इसके साथ ही दिव्यांग बच्चे के बैंक खाते का विवरण भी दर्ज किया जाएगा।
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