राजद नेता राम इकबाल यादव के हत्याकांड के 24 घंटे बाद पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं। घटना के बाद पुलिस ने मृतक के साथ अंतिम समय में देखे गए प्रकाश यादव समेत कुछ अन्य लोगों से लगातार पूछताछ जारी रखे हुए हैं। इस कड़ी में कई जगहों पर संदिग्ध लोगों के ठिकानों पर छापेमारी भी की गई और घटना के बारे में और पुख्ता सबूत हासिल करने के लिए छानबीन की गई।इस दौरान पुलिस ने डाटा डंप लिया जिसमें कई संदिग्ध नंबर मिले।जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
घटना के बाद पुलिस ने पीड़ित परिवार के घर के सदस्यों से पूछताछ कर जानकारियां एकत्रित किए है जिससे मामले के अनुसंधान में और तेजी आने की उम्मीद है। घटना के बाद मोबाइल के लोकेशन का अनुसरण करते हुए वैज्ञानिक तरीकों से घटना की छानबीन की जा रही है ताकि मामले में संदिग्ध लोगों के बयानों और उनकी सच्चाईयो से मिलान किया जा सके। पुलिस के पूछताछ में यह भी बात सामने आई है कि मृतक को कुछ दिन पहले ही केस उठाने की लिए धमकी भरा फोन किया जा रहा था।
नए दोस्तों की भूमिका पर पुलिस की नजर
घटना के संबंध में मृतक के बड़े भाई विनोद यादव का कहना है कि उसका छोटा भाई राम इकबाल यादव से सभी लोगों से गहरी मित्रता थी और दोस्तों के झुंड में ही वह डूबा रहता था। हाल ही के दिनों में गांव के ही कुछ नए लोग उसके मित्र बने थे। स्थानीय पुलिस भी घटना के बाद अपनी छानबीन में उनकी दोस्तों की सूची को खंगाल रही है और उन पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। वहीं घटना के बाद मृतक के भाई विनोद कुमार यादव ने मीरगंज थाने में चार लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है। वहीं इसी कड़ी में घटना के समय साथ में रहे उनके मित्र प्रकाश यादव से भी पुलिस लगातार दूसरे दिन पूछताछ जारी रखे हुए हैं।
लगा रहा नेताओं का आनाजाना
राजनीति विज्ञान में पीएचडी कर रहे राम इकबाल यादव इसी माह में कर्नाटक जाना था जहां पर उनके शोध के सिलसिले में सेमिनार का आयोजन किया गया था। पर शायद यह भाग्य को मंजूर नहीं था और इसके पहले ही वे मौत के घाट उतार दिए गए। फिलहाल वे कुचायकोट के निजी कॉलेज में व्याख्याता के पद पर कार्य कर रहे थे और उसी की बदौलत उनकी रोजी-रोटी चल रहे थी।घटना के बाद से ही राजद नेताओं का जमावड़ा मृतक के घर लगा हुआ है और सभी लोग मातम पुर्सी के लिए उनके पैतृक घर पहुंच कर शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दे रहे हैं। पर अभी तक इस परिवार को आर्थिक मदद के नाम पर एक फूटी कौड़ी भी नसीब नहीं हुई है। मृतक के दो छोटे बच्चे और उनकी पत्नी घटना के बाद से ही बेहाल और बीमार है। उनके भविष्य को लेकर परिजन बेहद चिंतित हैं पर अभी तक कहीं से कोई आर्थिक मदद ना मिलना इस राजद नेता के परिवार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
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