तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ कथित मारपीट की बात सामने आने के बाद पलायन शुरू हो गया है। रेलवे स्टेशन पर आने वाले मजदूरों ने बताया कि उनके साथ मारपीट की जा रही है।
दैनिक भास्कर ने तमिलनाडु से बिहार लौट रहे मजदूर से बात की। 25 साल का अरमान अपने 20 साथियों के साथ जमुई आ रहा है। हमने उसे बताया कि तमिलनाडु DGP हमले की बात से इनकार कर रहे हैं। इस पर अरमान ने कहा कि हम लोगों पर हमले कैसे हो रहे हैं।
तिरुपुर से 2 दिन पहले लौटे जमुई के सिकंदरा धादौर गांव के श्रवण कुमार ने बताया कि वहां बहुत खराब माहौल है। हमला करने वालों का कहना है कि तुम लोग यहां से बिहार चले जाओ।
वो कहते हैं कि तुम्हारे चक्कर में हम लोगों का रोजगार छीन गया है। अब वो लोग मार रहे हैं तो हम क्या करेंगे। हम बहुत डर गए थे। लोग वहां से भाग रहे हैं। कंपनी और प्रशासन के लोग कोई मदद नहीं कर रहे हैं।
पटना सुपर फास्ट (22643 ) से तमिलनाडु से लौटे मजदूरों ने बताई पूरी कहानी
जमुई के सिकंदरा गांव के रहने वाले रोहित कुमार ने बताया कि तमिलनाडु में हिंदी वालों के खिलाफ बहुत खराब स्थिति है। हिंदी बोलने वालों को मारा जा रहा है। हिंदी वालों को भगाकर वहां तमिल वाले ही रहना चाहते हैं।
जमुई के राहुल भी आज ही लौटे हैं। वो तिरुपुर में रह रहे थे। माहौल काफी खराब है, इस कारण से हम वहां से भाग आए हैं।
जमुई के ही प्रमोद कुमार ने बताया कि वहां के लोग भगा रहे हैं। वहां उन्हें काम नहीं मिल रहा है। वह इस कारण से गुस्सा में हैं।
झाझा के श्रवण कुमार ने कहा कि मैं तो बहुत डर गया था। वहां के हालात ज्यादा खराब हो चुके थे। घर से मां का फोन आया तो मैं चला आया। वहां से भगा रहे हैं।
बिहार पुलिस मुख्यालय और तमिलनाडु के DGP ने इस घटना को लेकर सामने आ रहे वीडियो का खंडन किया है। उनका कहना है कि वहां सब ठीक है, लेकिन डीजीपी के दावे पर मजदूरों ने सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना के बाद मजदूरों का पलायन हो रहा है।
दैनिक भास्कर से बातचीत में जमुई के अरमान ने बताया कि ट्रेन में भी स्थानीय लोग नफरत दिखा रहे हैं।
जमुई लौट रहे मजदूर ने ट्रेन में ही भास्कर से की बात
अरमान का कहना है कि पूरी ट्रेन में बिहार के यात्री हैं। वह डर कर तमिलनाडु से घर भाग रहे हैं। अरमान गुरुवार को तमिलनाडु के वीरपुर रेलवे स्टेशन से एलेप्पी-धनबाद एक्सप्रेस 13352 पर सवार हुआ है। वह शनिवार को धनबाद पहुंचेगा, इसके बाद वह जमुई आएगा।
अरमान का कहना है कि वह एस-7 कोच में है। पूरी बोगी बिहार के मजदूर वर्ग के लोगों से भरी है। अरमान ने दैनिक भास्कर से वीडियो कॉल पर बात कर ट्रेन की भीड़ दिखाई और यह बताया कि किस तरह से उन पर हमला किया गया और वह डर के कारण भाग रहे हैं। उसका कहना है कि ट्रेन की बोगी में ही नहीं पूरी ट्रेन में बिहारी हैं, जाे बवाल के डर से घर भाग रहे हैं।
मजदूरों ने वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है। दैनिक भास्कर वायरल हो रहे इन वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। बिहार STF की DIG किम ने बताया कि तमिलनाडु पुलिस ने वायरल हो रहे सभी वीडियो का खंडन किया है।
मजदूरों ने वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है। मजदूरों का दावा है इन हमलों में कई मजदूर घायल हैं। घायलों को इलाज भी नहीं मिल पा रहा है।
शिवकट और तिरपुरा इलाके में हो रहे हमले
तमिलनाडु में ही फंसे बिहार के मजदूर सोनू ने बताया कि शिवकट और तिरपुरा इंडस्ट्रीयल एरिया है। यहां सबसे ज्यादा लोहे की फैक्ट्रियां हैं। लोगों को घर से भी नहीं निकलने दिया जा रहा है। पुलिस और प्रशासन भी मदद के लिए नहीं है।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद एक्शन शुरू
बिहार के चीफ सेक्रेटरी अमीर सुबाहानी ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए बताया कि सीएम के निर्देश के बाद बिहार के चीफ सेक्रेटरी ने तमिलनाडु के चीफ सेक्रेटरी से और बिहार के DGP ने तमिलनाडु के DGP से बात की है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बिहार के जो मजदूर वहां फंसे हैं। उन्हें सुरक्षा दी जाएगी। और घर तक पहुंचाने की कोशिश की जाएगी। हम लगातार वहां की सरकार के संपर्क में हैं।
कम मजदूरी लेना ही पूरे विवाद की वजह
तमिलनाडु में काम कर रहे जमुई के मजदूर ने बताया कि कुछ महीने पहले हिंदी बोलने वाले बिहारी मजदूर और स्थानीय तमिलनाडु मजदूरों के बीच एक बैठक की गई थी। इसमें ये तय किया गया कि अब मजदूरी 1000 रुपए से 1200 रुपए लेनी है। इसके लिए धमकी भी दी गई, लेकिन बिहारी मजदूर शरू से ही 800 रुपए में काम कर रहे हैं। उनका तर्क है कि जिस कंपनी में काम कर रहे हैं वहां उनका विश्वास है। कुछ मजदूरों ने तो कंपनी से एडवांस लिया है।
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