शराब धंधेबाजी में पकड़े गए वाहनों की नीलामी अब जिला मुख्यालय स्थित उत्पाद अधीक्षक के कार्यालय में नहीं होगी बल्कि मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉरपोरेशन के माध्यम से ऑनलाइन होगी। मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने इस आशय का पत्र डीएम को भेजा है। पत्र में कहा गया है कि समीक्षा के दरम्यान वाहनों की नीलामी में जिला स्तर पर थोड़ी तेजी आई है। लेकिन अभी भी पूरे सूबे के जिलों में तीन हजार से अधिक वाहन कई वर्षों से नीलामी हेतु पड़े हैं। ये वाहन जितने पुराने होंगे उतने इनके मूल्यांकन में कमी होगी।
नीलामी में भी परेशानी बढ़ेगी। पारंपरिक तौर पर अखबार में विज्ञापन देकर नीलामी में काफी विलंब होता है। इन सभी बातों को लेकर एमएसटीसी के माध्यम से ऑनलाइन नीलामी कराने का निर्णय लिया गया है। मालूम हो कि एमएसटीसी भारत सरकार का उपक्रम है। जो यही काम करता है। हाल में पटना जिला में पायलट बेसिस पर एमएसटीसी के माध्यम से नीलामी की गई जिसका बेहतर प्रदर्शन रहा। जब्त वाहनों की नीलामी के लिए जिला इकाई को पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण मात्र एक बार ही होगा। इसके लिए एमएसटीसी को कार्यालय का नाम, ईमेल आईडी, फोन नंबर, पता टैन नंबर एवं बैंक का विवरण उपलब्ध कराना होगा।
सफल उम्मीदवारों को ईमेल के माध्यम से मिलेगी सूचना
एमएसटीसी द्वारा नीलामी में सफल उम्मीदवारों को ईमेल के माध्यम से सूचना मिलेगी। पांच दिनों के अंदर भुगतान एकत्र करेगा, स्वीकृति पत्र एवं वितरण आदेश, दो दिनों के अंदर राशि अधीक्षक उत्पाद व सहायक आयुक्त मधनिषेध सरकार के खाते में जमा करेंगे। अगर दो दिनों के अंदर क्रेता वाहन का भुगतान नहीं कर पाते हैं तो उन्हें पांच दिनों में एक प्रतिशत जुर्माना के साथ राशि जमा करना होगा। भुगतान की समय अवधि समाप्त होने के बाद जमा की गई आरक्षित राशि को जब्त कर लिया जायेगा । तथा वाहनों की नीलामी पुनः 14 दिनों के जगह पर 7 दिनों में की जाएगी। उत्पाद विभाग में एमएसटीसी के माध्यम से वाहनों की नीलामी के लिए वाहनों की सूची भेजा है। जिसकी जल्द ही ऑनलाइन नीलामी होगी। पहले उत्पाद अधीक्षक के कार्यालय में वाहनों की नीलामी कई बार की गई।
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