आखिरकार एक कुकर्मी पिता को उसे अपनी बेटी के साथ किए गए कुकर्मों की सजा मिल गई। पाॅक्सो के विशेष न्यायालय के न्यायाधीश रश्मि की अदालत ने बेटी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी पिता को सजा के बिंदु पर सुनवाई करने के बाद उसे आईपीसी की धारा 376 एवं पाॅक्साे की धारा 4 के तहत आजीवन कारावास भुगतने का फैसला सुनाया। इतना ही न्यायालय ने आरोपी को दोनों धाराओं में बीस-बीस हजार रुपए अर्थदंड भुगतान करने का निर्देश दिया। अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। न्यायालय ने पीड़ित प्रतिकर अधिनियम के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव को पीड़िता के राहत और पुनर्वास के लिए तीन लाख रुपए बतौर सहायता राशि प्रदान करने का भी निर्देश दिया है। उपरोक्त आशय की जानकारी पॉक्सो के विशेष लोक अभियोजक मुकेश नंदन वर्मा ने दी। मालूम हो कि इस मामले में पीड़िता की मां ने महिला थाना जहानाबाद में लड़की के पिता को नामजद प्राथमिकी दर्ज कराया था।
दर्ज प्राथमिकी में पीड़िता की मां ने आरोप लगाया था कि उसका पति शराब के नशे में घर आता था और अपनी नाबालिग बेटी को बेहोश करने वाला पदार्थ सुंधाकर पिछले तीन-चार महीने से दुष्कर्म कर रहा था। जब वह अपनी बेटी से पूछताछ किया तो वह बताया कि उसके पिता उसे जबरन किचन तथा अन्यत्र ले जाकर शारीरिक संबंध बनाते थे। किसी से कहने की बात नहीं करते थे। एक दिन जब उसने उसे गलत नियत से घूरते देखा तो वह उसे चुप रहने को बोला। जब वह अपनी बेटी का हाव-भाव देखा तो बेटी से पूछने पर इस घटना की जानकारी मिली। महिला के अनुसार उसका पति ड्राइवर है। उससे उसे छह बेटी और दो बेटे हैं। उसने अपनी बड़ी बेटी और बड़े बेटे की शादी कर दी है। वर्तमान में वह सब्जी बेच कर अपना जीवन गुजार रही है।
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