प्राइवेट स्कूल में 6 से 14 वर्ष के उम्र वाले 25% गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करनी होगी। यदि इस नियम को कोई विद्यालय पालन नहीं करते हैं तो जुर्माना तथा स्कूल की मान्यता भी रद्द की जा सकती है। इसके अलावा स्कूल संचालकों पर जुर्माने का प्रावधान है। दिव्यांग बच्चों का भी विशेष ध्यान देना होगा। इस एक्ट के अनुसार सरकारी शिक्षक स्कूल के साथ खुद का प्राइवेट ट्यूटर नहीं कर सकते।दरअसल जिले में जिन निजी विद्यालयों को स्वीकृति प्रदान की जाएगी उन्हें शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत बच्चों को मुक्त शिक्षा उपलब्ध कराना है।
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