कैमूर जिले में मंगलवार की रात करीब 12 बजे रवि राम की 8 वर्षीय पुत्री निराशा और 3 वर्षीय सत्यानंद को उल्टी होने लगी। रात होने की वजह से परिजन बुधवार की सुबह नजदीक के एक प्राइवेट क्लीनिक में ले गए। जहां इलाज शुरू हुआ, लेकिन दवा चलने के बाद भी दोनों बच्चों की सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ। जब दोनों बच्चों की हालत बिगड़ी तो क्वैक(झोलाछाप डॉक्टर) ने दोनों को रेफर कर दिया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही दोनों की मौत हो गई।
मौत से परिजनों में चीत्कार मच गया। मां कंचन देवी का रो-रो कर बुरा हाल था। वहीं दूसरी तरफ अपने दोनों बच्चों की मौत से पिता रवि राम की आंखें भी पथराई हुई थीं। इलाज कर रहे डॉ. निखिल अंसारी ने बताया कि दोनों बच्चों में डायरिया संबंधित कोई लक्षण नहीं था।
इस मामले में पीएचसी दुर्गावती के डॉ. अरुण कुमार पांडेय ने बताया कि परिजनों ने जानकारी दी कि रात में खाना खाने के कुछ समय बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। परिजन पहले किसी प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए ले गए, लेकिन दोनों बच्चों की मौत हो गई। मामले की पूरी जानकारी ली जा रही है। कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही डॉक्टर ने यह भी बताया कि दुर्गावती में सिर्फ तीन ही वैध प्राइवेट अस्पताल हैं।
मृतक के पिता ने क्वैक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि समय रहते बच्चों को रेफर कर दिया गया होता तो दोनों की जान बच सकती थी। उनकी लापरवाही के कारण ही दोनों की जान चली गई।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.