बाढ़ नियंत्रण अवर प्रमंडल सालमारी अंर्तगत बागढोब मीनापुर तटबंध के रैयापुर में किया गया बाढ़ निरोधात्मक कार्य जल स्तर अभी बढ़ा ही नहीं कि जल मग्न हो गया। जब कि करोड़ों रुपये से एंटीरोजन कार्य विभाग के जेई विजय प्रसाद की निगरानी में रहा था। तो तकनीकी चूक कहां और कैसे हो गयी। अभी यह हाल है, तो बरसात और बाढ़ अभी बांकी है। सूत्रों के मुताबिक विभाग के जेई विजय प्रसाद की मौजूदगी में यह जिओ बैग शिफ्टिंग किया गया लेकिन उसका बेस नहीं बनाया गया था। जबकि कुछ दिन पूर्व विभाग के अधीक्षण अभियंता भी कार्यस्थल का निरीक्षण कर गए हैं। उसके बाद भी एनसी क्रेटीन महानंदा नदी के धीमी धारा में ही ध्वस्त हो गया है। जिला परिषद प्रतिनिधि मुनतसीर अहमद ने जायजा लेते हुए कार्य में अनियमितता का आरोप लगाते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग विभाग से की है। उन्होंने कहा यहां काम के प्रति लापरवाही बरती जा रही जिस प्रकार से काम चल रहा तटबंध पर खतरा है। एनसी क्रेटीन का काम सही तरह से नहीं होने के कारण बनने से पहले ही ध्वस्त हो गया है। ज्ञात हो रैयांपुर के पास महानंदा नदी की धारा तटबंध के किनारे तक पहुंच गया था और यहां कटाव निरोधात्मक कार्य किया जा रहा था। इस कार्य को 30 मई तक पूर्ण करना था।समय पर काम पूरा नहीं होता है। तो तटबंध पर खतरा उत्पन्न हो सकता है। इसी आनन फानन में बगैर बेस बनाये जिओ बैग शिफ्टिंग कार्य किया जा रहा था। हालांकि इस संबंध में बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल सालमारी के सहायक अभियंता अनुपम विजय को कई बार फोन किया गया। बात नहीं हो सकी वहीं कनीय अभियंता विजय प्रसाद ने बताया कि एनसी क्रेटीन के बाद जिओ बैग का काम होना है। काम समय पर पूरा कर लिया जायेगा। स्थानीय लोग कार्य के उच्च स्तरीय जांच की मांग की जा रही है। जबकि इस बाबत बाढ़ विभाग के अधीक्षण अभियंता गोपाल चंद्र मिश्रा ने कहा खतरे की कोई बात नहीं कार्य प्रगति पर है। कार्य में कोई अनियमितता नहीं बरती गई। जल्द ही मरम्मत कर लिया जाएगा।
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