परबत्ता प्रखंड के मक्का किसान इन दिनों फाॅल आर्मी वार्म कीट के प्रकोप से परेशान हैं। सैकड़ों एकड़ में लगे मक्का के छोटे पौधों को रात भर में ही कीट पत्ते को खा जा रहे हैं। इससे पहले किसान मौसम की मार झेल चुकें हैं। दूसरी तरफ महंगे खाद-बीज के कारण मक्का किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। यह कीड़ा मक्का के फसल को इस तरह से नष्ट कर रहा है। पौधे की पत्तियों के साथ पौधे के डंठल में प्रवेश कर उसे काटकर नुकसान पहुंचा रहा है। इस कीड़े का प्रकोप अगर इसी तरह जारी रहा तो इसका सीधा असर उपज पर पड़ना तय है। कुछ जानकार किसान कीड़ों के इस प्रकोप के लिए मौसम को भी जिम्मेदार मानते हैं तो वहीं किसानों ने कहा कि स्थानीय कृषि विभाग के कर्मियों द्वारा समय समय पर यदि इन प्रकोप से बचने का उपाय बतलाते तो शायद क्षति कम हो सकती है। किसान अपने फसलों को बचाने के लिये कीटनाशक विक्रेता के द्वारा बताये दवाओं का छिड़काव तो करते हैं। लेकिन इसका फिलहाल असर नहीं दिखाई दे रहा है। मुआयना के लिए पटना से आएगी कीटनाशक विभाग की टीम : मामले में कृषि समन्वयक कौशल कुमार ने बताया कि जिला कृषि कार्यालय के माध्यम से कीट नाशक विभाग पटना से एक टीम किसानों के मक्का फसल का मुआयना करने आ रही है। टीम के द्वारा खेतों में लगीे फसल की जीओ टैगिंग किया जाएगा। किसान चौपाल के माध्यम से फसल की समस्या से बचाव की जानकारी कृषि विशेषज्ञों के द्वारा दी जा रही है। साथ ही कीड़ों के प्रकोप को कम करने के लिए बाजार में उपलब्ध इगाओ कीटनाशक के छिड़काव से इसका प्रभाव कम किया जा सकता है। किसान को सलाह दिया गया है कि अपने फसल के नुकसान की भरपाई के लिये मौसम आधारित फसल बीमा का भी सरकारी प्रावधान है। यह सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध है।
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