अब स्कूलों के निरीक्षण करने से व्यवस्थाओं की पोल खुलेगी और जब व्यवस्थाओं की पोल खुलेगी तो व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए भी विभाग आवश्यक कदम उठाएगा। इससे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे तथा पढ़ाने वाले शिक्षकों को लाभ पहुंचेगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने आदेश जारी किया है कि सभी अधिकारी अधीनस्थ कार्यालय क्षेत्र का भ्रमण करेंगे, ताकि विभाग द्वारा दी जा रही प्रमुख सेवा अर्थात शिक्षा में आशानुरूप सुधार हो सके। निरीक्षण के दौरान सुविधाओं की भी जानकारी लेनी है, इसमें पीने के लिए पानी तथा शौचालय की व्यवस्था शामिल है। निरीक्षण के दौरान देखना है कि पीने के लिए पानी तथा शौचालय की व्यवस्था है या नहीं, ताकि इसमें सुधार किया जा सके। इसके अलावा अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि स्कूलों में निरीक्षण के दौरान उपस्थिति एवं मध्याह्न भोजन की जांच के अलावा कक्षा में बैठकर इसकी भी निगरानी करनी है कि शिक्षकों द्वारा बच्चों को किस तरह शिक्षा दी जा रही है।
सुविधाओं की घोर कमी के बीच चलता हैं पठन-पाठन
बताते चलें कि शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक बच्चे सुविधाओं की घोर कमी के बीच पठन-पाठन करते हैं। कहीं पर शौचालय नहीं है तो कहीं पर शौचालय गंदा रहता है। कई स्कूलों में पीने योग्य पानी ही नहीं रहता है। लेकिन निरीक्षण के दौरान अधिकारी केवल शिक्षक और बच्चों की उपस्थिति पर ध्यान देते हैं।
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