गजराज के कहर से ग्रामीणों में दहशत:टेढ़ागाछ में मचाया उत्पात, कई कच्चे घरों, मक्का व सब्जी की फसलों को रौंदा

दिघलबैंक / टेढ़ागाछ13 दिन पहले
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खेतों में घुमते हाथी - Dainik Bhaskar
खेतों में घुमते हाथी
  • पांच दिनों से दिघलबैंक में था हाथियों का झुंड, फिर भी वन विभाग रोकने में हुआ नाकाम, झुंड से भटककर पहुंच गया टेढ़ागाछ का बैरिया गांव
  • अब तक हाथियों के हमले रोकने में बुरी तरह नाकाम रहा प्रशासन, खेतों से गुजरते हुए एक हाथी का सूंड़ बिजली तार की चपेट में आने से हुआ बेसुध, कुछ देर बाद साथी हाथियों की मदद से जंगल की ओर गया

क्षेत्र में हाथियों के हमले नहीं रुक रहे हैं। प्रशासन और वन विभाग भी महज खानापूर्ति तक सिमटा है। बड़े क्षेत्र के लोग दहशत में हैं। पांच दिनों से दिघलबैंक प्रखंड के सीमांत गांव में डेरा डाले हाथियों के मुख्य झुंड से तीन हाथी निकलकर मंलगवार को टेढ़ागाछ के बैरिया गांव पहुंच गए। मंगलवार की सुबह तीन हाथी अचानक गांव में घुसे तो ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। ग्रामीण जान बचाकर भागे या फिर पक्के मकानों की छत पर पहुंच गए। सामने पड़नेवाले कई कच्चे मकानों को हाथियों ने तोड़ दिया एवं मक्का एवं सब्जी की फसलों को नुकसान पहुंचाते हुए चिचोराझाड़ जंगल में घुस गया। इस दौरान खेतों से गुजरते हुए एक हाथी का सूंड़ बिजली की तार की चपेट में आ गया। जिस कारण थोड़ी देर के लिए गिरकर हाथी वहीं बेसुध हो गया, लेकिन जल्द ही साथी हाथियों की मदद से वहां से उठकर जंगल की ओर चला गया। स्थानीय ग्रामीण जय किशोर सिंह, बिनोद सिंह, जय कुमार, विपिन महतो, शिव पूजन सिंह, संतोष कुमार सिंह आदि ने बताया कि सुबह के समय गांव में सभी लोग अपने-अपने काम में व्यस्त थे। अचानक खेतों के रास्ते तीन हाथियों का एक झुंड कई घरों के आंगन से होकर लगभग दौड़ते हुए निकल गया। इस दौरान लोगों में काफी दहशत बना रहा। वनपाल राजीव कुमार ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है। जंगल में तीनों हाथियों को देखा गया है। ग्रामीणों से एक हाथी को करंट लगने की सूचना मिली है, करंट लगने से हाथी घायल हुआ है अथवा नहीं नजदीक से देखने पर पता चल पाएगा।

गुरुवार से धनतोला में डटा हैहाथियों का झुंड
विगत गुरुवार की रात से लगातार 9 हाथियों का झुंड गन्धर्वडांगा, बारहभांग, हाथीडुब्बा के मक्का खेतों में डेरा जमाए हुए है। सोमवार की रात झंुड से तीन हाथी दिघलबैंक, सतकौआ, लोहागड़ा पंचायतों के कई गांवों को पार करते हुए टेढ़ागाछ के खनियाबाद पंचायत के बैरिया, चिचोड़ा जंगल तक जा पहुंचा। झुंड के शेष छह हाथियों ने भी शाम ढलते ही पिपला, खाड़ीटोला, धनतोला गांव में तबाही मचाते हुए तीन कच्चे घरों को तोड़ डाला। जबकि दर्जनों किसानों के मक्के और सब्जी की फसल को चट कर दिया। वार्ड सदस्य खगेंद्र प्रसाद सिंह, आबिर आलम ने बताया कि खाड़ीटोला पिपला के जय प्रकाश, धनतोला के जलेश्वर सिंह और रमेश कुमार सिंह के घरों को नुकसान पहुंचा है। छह हाथियों का झुंड मंगलवार की सुबह नेपाल लौट गया है।

करंट से चली जाती हाथी की जान, सात महीने से झूल रहा तार, विभाग नहीं दे रहे ध्यान: ग्रामीणों ने बताया कि बैरिया गांव के समीप बिजली के तार को ऊपर उठाने के लिए सात महीने में कई बार विभाग को बोला गया। पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। उत्पात के दौरान हाथी को करंट लगते ही बिजली कट गई अन्यथा एक हाथी की जान चली जाती। सहायक विद्युत अभियंता परमित रंजन ने बताया कि तार दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है।

दो लोगों की जान ले चुका है हाथी : हाल के दिनों में जंगली हाथियों ने दो की जान ले ली है। एक फरवरी को धनतोला के पिपला गांव में 45 वर्षीय मुर्शेदा खातून और 10 फरवरी को दिघलबैंक से सटे ठाकुरगंज के बंदरझुल्ला पंचायत के कद्दुभिट्ठा में 30 वर्षीय राज अधोरी हाथी के हमले में मारे जा चुके हैं।

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