आलमनगर दक्षिणी पंचायत के ब्राह्मण टोला निवासी पुत्र अमित झा हत्याकांड का रतवारा थाने की पुलिस ने खुलासा कर दिया है। अमित की हत्या उसके साथ धर्मकांटा पर काम करने वाले साथी ने सिर्फ इसलिए कर दी कि उसे आशंका थी कि अमित के आने के बाद उसकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही हत्या में इस्तेमाल किए गए गमछा और सर्जिकल ग्लव्स को भी पुलिस ने बरामद कर लिया है। रतवारा ओपी अध्यक्ष विजय पासवान ने बताया कि अमित झा की हत्या सुनियोजित तरीके से आलमनगर थाना क्षेत्र के रामनिवास मेहरा एवं अमरजीत कुमार के द्वारा की गई थी। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि रामनिवास मेहरा के द्वारा 17 जून की रात लगभग 9:30 बजे फोन कर अमित झा को करुणा बसा स्थित धर्मकांटा पर बुलाया था। वहां शराब पार्टी चलने के बाद उनलोगों ने अमित के गले में गमछी का फंदा लगाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद साक्ष्य छिपाने की नीयत से शव को रतवारा ओपी क्षेत्र के गंगापुर कचहरी टोला स्थित पुल के नीचे फेंक दिया। ओपी अध्यक्ष श्री पासवान ने बताया कि पूछताछ के बाद बताए गए घटना स्थल आलमनगर थाना क्षेत्र के करुणा बासा स्थित धर्मकांटा के पीछे से हत्या में इस्तेमाल किए गए गमछा एवं हाथ में लगाने वाला सर्जिकल ग्लव्स भी बरामद कर लिया गया।
काम पर नहीं भेजने का बनाया था दबाव
ललित कुमार झा ने बताया कि उसका भाई आलमनगर थाना चौक स्थित बाबा धर्म कांटा पर सात दिन पहले से नौकरी करना शुरू किया था। अभी वह धर्मकांटा का काम सीख ही रहा था। लेकिन वहां पहले से काम कर रहे रामनिवास मेहरा को अमित का वहां काम करना अच्छा नहीं लग रहा था। उसे आशंका थी कि अमित अगर अच्छे से धर्मकांटा का काम सीख जाएगा, तो उसकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है। इस कारण से रामनिवास के परिजन ने मुझसे आग्रह भी किया था कि अमित को धर्मकांटा पर नहीं भेजें। परंतु हम लोग यह समझ नहीं पाए कि रोजी-रोटी के लिए प्रयास कर रहे अमित को वे लोग इस कदर रास्ते से हटाने के लिए हत्या कर देंगे। उन्होंने कहा कि इस घटना में रामनिवास मेहरा के परिवार के सदस्य भी संलिप्त हैं। पूरी साजिश के तहत अमित की हत्या की गई है।
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