बीएनएमयू में एनएसएस रीजनल डायरेक्टर के पत्र लीक होने के बाद विवि की प्रशासनिक व्यवस्था पर तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं। इस संबंध में वाम छात्र संगठन एआईएसएफ के बीएनएमयू प्रभारी हर्षवर्धन सिंह राठौर ने विश्वविद्यालय की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि एनएसएस के रीजनल डायरेक्टर पीयूष परांजपे द्वारा कुलपति को भेजे पत्र में बीएनएमयू में पदाधिकारियों की मनमानी, एनएसएस के नाम पर फंड के दुरुपयोग, योग्य पदाधिकारियों को दरकिनार कर असक्षम व्यक्ति को पदाधिकारी बनाने, पैसों के खेल में प्रतिभावान वॉलेंटियर की प्रतिभा को दांव पर लगाने जैसे संगीन आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों पर संज्ञान ले सख्त कार्रवाई के बजाय पत्र को दबाना व मौन रहना साजिश लगती है। राठौर ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि आखिर बीएनएमयू में ऐसी कौन सी व्यवस्था बन गई है कि 40 दिन में मुख्य पत्र व तीन दिन में रिमाइंडर कुलसचिव कार्यालय से मात्र 100 की दूरी पर स्थित कुलपति कार्यालय तक नहीं पहुंच पाती है। उन्होंने कुलपति से मांग किया कि अविलंब उक्त पत्र पर संज्ञान लेते हुए हर प्रकार से सक्षम पदाधिकारी को नियुक्त किया जाए, जिससे एनएसएस पुनः अपना खोया गौरव प्राप्त कर सके।
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