राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 में संशोधन कर दिया गया है, जिसका असर प्रदेश के 25,01,000 अंत्योदय परिवार एवं 7,46,11,341 पूर्विकताप्राप्त प्रत्येक लाभुक पर पड़ेगा। भारत सरकार ने संशोधित नियम के आदेश की प्रति प्रदेश सरकार को भेजते हुए कहा है कि नए नियम का अनुपालन जून 2022 से प्रभावी हो जाएगा। नई वितरण प्रणाली के तहत ही अब राज्य को खाद्यान्न का आवंटन किया जाएगा। मार्च 2023 तक पारित नए अधिनियम के तहत दोनों प्रकार के लाभुकों को खाद्यान्न दिया जाएगा।
अंत्योदय के तहत मिलनेवाले 14 किलो गेहूं व 21 किलो चावल की जगह अब लाभुक को 7 किलो गेहूं व 28 किलो चावल दिया जाएगा। वहीं, पूर्विकताप्राप्त के लाभुकों को 2 किलो गेहूं व 3 किलो चावल के स्थान पर अब 1 किलो गेहूं व 4 किलो चावल दिया जाएगा। सीधे तौर पर कहें तो लाभुकों को मिलने वाले गेहूं में 50% की कटौती की गई है। वहीं, लाभुकों के लिए निर्धारित दर में किसी प्रकार का संशोधन नहीं किया गया है। नई वितरण प्रणाली के बाद अंत्योदय व पूर्विकताप्राप्त लाभुकों के लिए आनेवाले आवंटन में चावल का भार बढ़ जाएगा।
अंत्योदय के लाभुकों को अब 21 की जगह 28 किलो व पूर्विकताप्राप्त को 3 किलो की जगह 4 किलो चावल दिया जाएगा। इससे अंत्योदय के लाभुकों के लिए 17507000 किलो व पूर्विकताप्राप्त के लिए 746114341 किलो चावल का आवंटन सरकार को अतिरिक्त करना पड़ेगा।
आयुक्त व डीएम को भेजा निर्देश
खाद्य और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार ने भारत सरकार के संशोधित नए नियम को लेकर राज्य के सभी प्रमंडलीय आयुक्त व सभी जिलाधिकारी को जून 2022 के आवंटन की विधिवत सूचना भेज दी है ताकि आयुक्त व जिलाधिकारी अपने अधीनस्थ जिलों में नई व्यवस्था को लागू करवा सकें।
अंत्योदय के लाभुकों में पटना दूसरे स्थान पर
अंत्योदय के लाभुकों की बात करें तो राज्य में सबसे अधिक लाभुक मधुबनी में हैं। यहां कुल 153989 लाभुक परिवार हैं। दूसरे पर पटना 122733, तीसरे पर पूर्वी चंपारण 140757, चौथे पर मुजफ्फरपुर 140512, पांचवे पर प. चंपारण 118848 व छठे पर समस्तीपुर है। वहीं, सबसे कम लाभुक शेखपुरा में (11958) हैं। पूर्विकताप्राप्त के लाभुकों में पटना 4102643 के साथ पहले स्थान पर है। पूर्वी चंपारण 3755988, समस्तीपुर 3481635, दरभंगा 3378168, मधुबनी 3346298 और मुजफ्फरपुर में 3325495 लाभुक है। वहीं सबसे कम लाभुक शेखपुरा (415599) है।
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