मोतियाबिंद का ऑपरेशन किसी भी मौसम में बिना किसी डर के चिकित्सक के सलाह के बाद करवा सकते हैं। उक्त बातें सदर अस्पताल में शनिवार को पांच मरीजों के सफल मोतियाबिंद के ऑपरेशन करने के बाद मरीजों को डिस्चार्ज करने के बाद जिले की प्रसिद्ध नेत्र सर्जन डाॅ. आकांक्षा कुमारी ने कही। डाॅ. आकांक्षा ने कहा कि आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि मोतियाबिंद का ऑपरेशन सर्दी के मौसम में ठीक रहता है जिससे सर्जरी के बाद का ख्याल रखना आसान होता है। सर्दी में नमी और पसीना दोनों ही कम होते हैं, इसलिए इंफेक्शन का डर नहीं रहता है। लेकिन मेडिकल साइंस की निरंतर तरक्की से कभी भी सर्जरी करवाई जा सकती है और कोई एलर्जी भी नहीं होती है। नेत्र सर्जन डाॅ. आकांक्षा ने बताया कि मोतियाबिंद का ऑपरेशन होने के बाद मरीज अपने रोजमर्रा के कार्य चिकित्सकीय सलाह लेकर करें। वहीं, सावधानियां : जैसे आंखों को धूल-मिटट्टी से बचाना, सीधा पानी आंखों पर नहीं मारना, धुंए से आंखों को बचाना, आंखों को रगड़ने से बचाना व चिकित्सक के द्वारा दिए गए काला चश्मा को जरूर पहनना आवश्यक है। साथ ही एक आंख में मोतियाबिंद बनने पर सारा जोर दूसरी आंखों पर पड़ता है और वो कमजोर होने लगती है। इस वजह से भी मोतिबिंद का ऑपरेशन नेत्र रोगियों को जल्द करवा लेना चाहिए।
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