सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र काे चालू नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में सर्वोच्य न्यायालय ने परिवहन विभाग को जिले में संचालित सभी पंपों पर प्रदूषण जांच केन्द्र चालू कराने का निर्देश जारी किया है। बाबजूद जिला में किसी भी पंपों पर प्रदूषण जांच केन्द्र नही है। शनिवार को जब पंपों पर जाकर जानकारी ली गई तो मुख्यालय में संचालित 6 पंपों में से किसी भी पंप पर प्रदूषण जांच केन्द्र नही मिला। मुख्यालय स्थित मालगोदाम रोड गुमती संख्या 13 के पास, राेहनी इन्टर प्राईजेज, लहेरियागंज स्थित एचपी का महारानी पंप व गितांजली फियूल, सुड़ी स्कूल स्थित मिथिला ऑटो सर्विस, गांधी चौक स्थित बलुआ रोड में सेबोसंत पंप व महाराजगंज स्थित महारानी प्रट्रोल पंप संचालित है। लेकिन इन जगहों पर किसी भी पंप पर वाहन प्रदूषण जांच केन्द्र नही मिलता है। पंप के कर्मियों से पूछा गया तो उन्होंने पूछने पर बताया कि पंप पर प्रदूषण जांच का कोई व्यवस्था नहीं है। इसके साथ ही पंप साफ-सफाई के साथ अन्य सुविधाओं में भी कमी दिखी। पंप कर्मियों ने बताया कि स्टाफों को दिए जाने वाले सुविधाओं का भी अभाव रहता है।
डीटीओ को भी दिया गया आवेदन, डीटीओ ने कहा- अलग से दिया जाता है लाइसेंस
जिले में धड़ल्ले से 15 साल से पूरानी वाहनों सहित बिना कागजात के वाहन दौड़ रहे हैं। इसे रोकने को लेकर जिम्मेदार अधिकारी सजग नहीं दिख रहे है। वही जिले में सड़कों पर बिना प्रदूषण जांच केन्द्र के वाहन दौड़ते है और जिससे प्रदूषण का खतरा बढ़ रहा है। जिला पेट्रोलियम डिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आनंद कुमार डोकानिया ने कहा कि जिले में कुल 126 पेट्रोल पंप संचालित है। जहां वाहन चालकों के सुविधा के लिए हर प्रखंड में एक व मुख्यालय में दो जगहों पर प्रदूषण जांच केन्द्र खोला जाएगा। इस संंबंध में डीटीओं को भी आवेदन दिया गया है। वहीं, डीटीओ सुशील कुमार ने बताया कि पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केन्द्र आवश्यक नही है। जरूरत के अनुसार अलग से प्रदूषण जांच केन्द्र का लाईसेंस दिया जाता है। लेकिन लोग इसके प्रति जागरूक नही दिख रहे हैं।
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