जिंदगी और मौत से जूझ रहा प्राइवेट बिजली मिस्त्री मो हुसैन सात दिन बाद जिंदगी की जंग हार गया। ग्रामीण अल्लाह से दुआ कर रहा थे कि बेचारे गरीब की जान बच सके। लेकिन ऐसा हुआ नही और मंगलवार दो बजे रात में वह रहमानिया अस्पताल मोतिहारी में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मृतक जितना थाना क्षेत्र के बड़हरवा गांव का निवासी था। 6 मार्च को वह गांव के एक ट्रांसफार्मर पर बिजली ठीक करने के लिए चढ़ा था। उस समय उसे करंट लगी। उसका दोनों हाथ बुरी तरह से जल गया और नीचे जमीन पर गिरने के बाद बेहोश हो गया।
बताया गया कि ब्रेक डाउन मिलने के बाद ही वह ट्रांसफार्मर पर चढ़ा था। लेकिन उपस्थित लाइन मैन की कमी से दूसरे रुट की बिजली कट गया और जिस रूट में वह काम कर रहा था उस रुट का बिजली नहीं कट पाई थी। जैसे ही वह बिजली के तार को पकड़ा उसे 11 हजार वोल्ट का करंट लग गया।
आनन फानन में परिजन उसे रहमानिया अस्पताल मोतिहारी इलाज के लिए भर्ती कराए। बिजली विभाग के कनीय अभियंता अंकित कुमार ने बताया कि पैसा जमा कर अस्पताल के बिल का भुगतान किया जा रहा है। मो हुसैन घर का एक मात्र कमाऊ पुत्र था। बूढ़े मां-बाप, एक पत्नी और आधा दर्जन बच्चों के पिता के नहीं रहने पर परिवार के सामने दुःख का पहाड़ टूट पड़ा है। अब परिवार में बूढ़े पिता मोहमद सादिक 80 वर्ष, माता सुनारी 75 वर्ष, पत्नी शाहबुन नेशा 34 वर्ष, पुत्र सलीम आलम 15 वर्ष, नदीम 10 वर्ष, हसीन 8 वर्ष, फहीम 6 वर्ष, मोदी 4 वर्ष तथा फातमा 2 वर्ष है। इनमें से परिवार का कोई सदस्य कमाऊ नहीं है।
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