कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद पूर्वी चंपारण में अब मीजल्स यानी खसरा का कहर शुरू हो गया है। काफी संख्या में बच्चों से लेकर बड़े और बुजुर्ग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। संक्रमण के हालात को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। मीजल्स से जिले के सभी 27 प्रखंड प्रभावित है। सिर्फ मोतिहारी शहरी क्षेत्र में इसका प्रकोप फिलहाल नहीं है। जिले में अब तक मीजल्स के 482 केस मिले हैं। जिसका सैंपल जांच के लिए पटना भेजा गया था। जांच में 89 में मीजल्स व दो में रुबेला की पुष्टि हुई है। जबकि 73 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है।
बताया जाता है कि कोरोना काल में नियमित टीकाकरण प्रभावित हुआ था। इस दौरान मात्र 56-57 प्रतिशत ही नियमित टीकाकरण हुआ था। कम टीकाकरण होने के कारण हार्ड इम्युनिटी नहीं बनने से यह स्थिति है। मिजल्स का प्रकोप बच्चों में ज्यादा देखने को मिल रहा है। हालांकि, मिजल्स से प्रभावित मरीज थोड़ी सावधानी बरतने पर अपने आप ठीक हो जा रहे हैं। अभी तक इस बीमारी से किसी भी मरीज की मृत्यु नहीं हुई है। संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित आदापुर, ढाका, कोटवा, तेतरिया, तुरकौलिया व मेहसी प्रखंड है। ढाका व मेहसी प्रखंड में रुबेला का भी एक-एक मरीज मिल चुका है। जो मीजल्स से ज्यादा खतरनाक है।
विभाग ने सर्वे कराकर टीकाकरण शुरू किया
जिले में मिजल्स के प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित प्रखंडों में सर्वे कराने के बाद नियमित टीकाकरण शुरू कर दिया है। जो भी नियमित टीकाकरण से छूटे हैं उन्हें एमआर वैक्सीन के साथ विटामिन ए की खुराक दी जा रही है। जिस प्रखंड में मिजल्स का प्रकोप ज्यादा है वहां नौ महीने से पांच वर्ष तक के बच्चों को वैक्सीन का अतिरिक्त डोज दिया जा रहा है। जिले में सबसे ज्यादा ढाका व तेतरिया प्रखंड मिजल्स से प्रभावित है। मिजल्स होने पर लोगों के संपर्क में आने से बचें। साफ-सुथरे वातावरण में रहें। .
महामारी रोग नियंत्रण विभाग की निगरानी शुरू
मिजल्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला महामारी रोग नियंत्रण विभाग ने भी पहल शुरू कर दी है। जिला महामारी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. राहुल राज बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों के प्रभारियों को निर्देशित किया गया है। ओपीडी में आने वाले मिजल्स के मरीजों को अलग से देखने और जांच करने को कहा गया है। डॉ. राहुल राज ने बताया कि यह बीमारी तेजी से एक से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। ऐसे में संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए। अगर घर में कोई व्यक्ति संक्रमित हो तो तत्काल अपने निकट के डॉक्टर से दिखाएं।
10 से 15 दिनाें तक रहता मीजल्स का असर
सदर अस्पताल के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित किशोर नारायण ने बताया कि मिजल्स का असर 10 से 15 दिनों तक रहता है। पूरे शरीर में, खासकर चेहरे पर पॉक्स निकल आते हैं। यह एक वायरस जनित रोग है। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हवा, थूक, छींक, म्यूकस, फुंसियों से निकलने वाले द्रव, कपड़े, बिस्तर आदि के संपर्क में आने से फैलता है।
बच्चों में संक्रमण फैलने का समय फुंसी या रैशेस आने के दो दिन पहले से ही शुरू हो जाता है। यह संक्रमण फुंसियों के सूखकर झड़ने तक रहता है। उन्होंने बताया कि जब फुंसी सूख कर झड़ने लगते हैं, तब एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। बताया कि इससे ज्यादा वैसे लोग संक्रमित हो रहे हैं, जिनमें शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम है।
जिले में कितने प्रखंड खसरा से प्रभावित है इसकी जानकारी नहीं है। डीआईओ से जानकारी लेने के बाद ही कुछ बता सकते हैं। ऐसे सभी प्रखंड को खसरा से बचाव के लिए अलर्ट जारी किया गया है। संबंधित प्रखंडों में नियमित टीकाकरण का भी निर्देश दिया गया है।
- डॉ. अंजनी कुमार, सिविल सर्जन, पूर्वी चंपारण
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