नेपाल से अयोध्या के लिए चले दो शालिग्राम जैसे ही मोतिहारी के सीमा में प्रवेश किया, भक्तो का जन सैलाब उमड़ गया, सभी जय श्री राम के बारे लगाए हुए शालिग्राम शिला का श्रद्धा और भक्ति के साथ स्वागत किया। नेपाल के चले शालिग्राम शिलाएं मोतिहारी के मेहसी, चकिया, पिपरा, पिपराकोठी, कोटवा होते हुए एनएच 27 से गोपालगंज में प्रवेश कर गया। शालिग्राम शिलाओं के दर्शन और पूजा के लिए लोगों में होड़ लगी थी।एनएच 27 किनारे लोगों की भीड़ लगी रही।
राम लला का इसी शालिग्राम से बनेगा मूर्ति
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में स्थापित होने वाले राम-सीता के प्रतिमा निर्माण के लिए शालिग्राम शिला की खोज के लिए कामेश्वर चौपाल नेपाल में पिछले दो माह से जगह-जगह घुम रहे थे। इसी क्रम में नेपाल के काली गंडकी नदी से शालिग्राम की दो विशाल शिलाएं मिली।एक शिला 24 टन का है तो दूसरा 16 टन का इसी दोनो शिला से भगवान राम और सीता के प्रतिमा निर्माण कर किया जाएगा। जिसका जगह-जगह पर लोग स्वागत कर रहे है।
शालिग्राम ले कर चल रहे कामेश्वर चौपाल क्या कहते हैं
जनकपुर से शालिग्राम शिला लेकर अयोध्या जाने के दौरान टीम का नेतृत्व कर रहे कामेश्वर चौपाल ने बताया कि राम मंदिर निर्माण को लेकर जो उत्साह दिखाई दे रहा है। उससे हमे ऐसा लग रहा है कि हमलोग एक बार फिर त्रेतायुग के तरफ जा रहे हैं। मोतिहारी आने के बाद ऐसा लग रहा है कि यहां हर एक के मन में राम हैं और हर प्राण-प्राण में सीता है।हमलोग फिर से एकबार रामराज्य की ओर जा रहे हैं।लोगों ने मुझे बताया कि राम और सीता अयोध्या लौटने के क्रम में मोतिहारी में रात्रि विश्राम हुआ था एवं यहीं पर चौठारी कर्म हुआ था।
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