सुप्रसिद्ध महिला सत्संगी स्वर्गीय उमा देवी की सातवीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा सह सत्संग का आयोजन नयागांव सत्संग आश्रम में किया गया। इस दौरान दीप प्रज्वलन, पुष्पांजलि, भजन, सत्संग, ग्रंथ पाठ, प्रवचन, आरती गान एवं सामूहिक भंडारा भी हुआ। प्रवचन करते हुए स्वामी श्रीनिवास बाबा ने कहा कि जो संत एवं सत्संग की शरण में रहते हैं, उनके मरने के बाद भी उनकी अधोगति नहीं होती है। और उन्हें एक मिनट के लिए भी नरक का मुंह नहीं देखना पड़ता है। परमात्मा एवं सद्गुरु में कोई अंतर नहीं होता है। भगवान से भी बढ़कर सद्गुरु उपकारी होते हैं। संत सद्गुरु बड़े उपकारी होते हैं। संतमत सत्संग में ज्ञान, मोक्ष युक्त ईश्वर भक्ति का प्रचार किया जाता है। स्वर्गीय उमा देवी इस क्षेत्र की पुरानी महिला सत्संगी थी। वह बड़ी अध्यात्म परायण एवं सत्संग और सद्गुरु के प्रति आस्थावान थी। मौके पर स्वामी श्रीनिवास बाबा, स्वामी गुरुदेव बाबा स्वामी अरुणानंद बाबा, स्वामी शील निधान बाबा, अर्जुन तांती, ओमप्रकाश गुप्ता, सीताराम वैद्य, मदनलाल मंडल, राजन कुमार चौरसिया, सुभाष चौरसिया, आशीष कुमार अधिवक्ता, हरीशचंद्र मंडल, डॉक्टर परमानंद मंडल, रंजीत सिन्हा, बिंदेश्वरी प्रसाद, जगदीश मोदी, रामचंद्र मंडल, अशोक तांती, पवन चौरसिया, अनिल कुमार, अभिमन्यु शाह, रंजन ठाकुर, आरके निराला, शंकर पंडित, भुज नारायण पंडित, शिवचरण साह, प्रमोद यादव, प्रताप मंडल, सच्चिदानंद मंडल, विमल तांती, सकलदेव यादव, अजीत मोदी सहित सैकड़ों सत्संग प्रेमियों ने पुष्पांजलि अर्पित किया।
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