मुंगेर पुलिस एवं समादेष्टा 16 वाहिनी एसएसबी द्वारा लगातार एएसपी अभियान के नेतृत्व में नक्सलियों को नक्सल छोड़ मुख्य धारा में लाने प्रयास किया जा रहा। इसी दौरान पूर्वी बिहार, पूर्वोत्तर झारखंड स्पेशल एरिया कमिटी का हार्ड कोर नक्सली हवेली खड़गपुर थाना क्षेत्र के रारोडीह गांव निवासी सूरज मुर्मू पिता बड़कू मुर्मू ने सोमवार को न्यू पुलिस लाइन में मुंगेर प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सिंह, मुंगेर रेंज के डीआईजी संजय कुमार,डीएम नवीन कुमार,एसपी जग्गुनाथ रेड्डी जला रेड्डी, एसएसबी के अधिकारी बृजेश और पंकज यादव के समक्ष अत्याधुनिक हथियार एसएलआर और 28 जिंदा कारतूस के साथ आत्मसमर्पण किया। इस दौरान मौजूद अधिकारियों ने भी मुख्य धारा में लौटने के कारण नक्सली को फूलों का माला पहनाकर सम्मानित किया।
इस दौरान डीआयजी ने बताया कि नक्सली सूरज मुर्मू कुल नौ नक्सली कांडों में शामिल हैं। जिसमे दोहरे हत्या से लेकर लेवी और किडनैपिंग तक के मामले में नामजद अभियुक्त था। जिसकी तलाश पुलिस को काफी दिनो से थी। वहीं प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा की आज जो नक्सली ने नक्सलवाद को छोड़ मुख्य धारा में जुड़ने के लिए अपने हथियार और कारतूस के साथ समर्पण किया यह एक अच्छी पहल है। उनके पुर्नवासन योजना के तहत उन्हें अब कई सरकारी योजना का लाभ दिया जाएगा ताकि आने वाला दिन वे अपने परिवार के साथ शांतिपूर्ण ढंग से गुजार सके।
वहीं डीआईजी संजय कुमार ने कहा जिला अंतर्गत भीम बांध में जंगल जो नक्सलियों का सेफ जोन माना जाता था। अब सरकार और जिला प्रशासन के पहल पर भीम बांध फॉरेस्ट एरिया के अंदर और बाहर तीन- तीन पुलिस कैंप के स्थापित होने के बाद नक्सलियों की कमर ही टूट गई। जिसके बाद अब नक्सलियों के पास दो ही विकल्प बचा है या तो वे सरेंडर करे या फिर एनकाउंटर के लिए तैयार रहें। साथ ही जिला पुलिस प्रशासन ,जिला प्रशासन के साथ साथ सीआरपीएफ, एसएसबी के पहल पर अब नक्सली मुख्यधार में जुड़ने को ले आगे आ रहे है और इसी का परिणाम है कि आज हार्ड कोर नक्सली ने आत्मसमर्पण किया जो कि मुंगेर पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है।
नक्सली ने बताया अपनी जीवन की कहानी
पुलिस लाईन में आत्मसर्पण करने वाले नक्सली सूरज मुर्मू ने बताया की जब वे 20- 22 वर्ष का था। उस समय वह जंगल में लकड़ी काटने जाता था तो उसी समय नक्सलियों के द्वारा बहकावे में लाकर उसे अपने संगठन में शामिल कर लिया। संगठन में जाने के बाद उसे ट्रेनींग दी गई जिसके बाद वह तब से ही नक्सली बन गया। जहां हथियार चलाने कि ट्रेनिंग भी दी गई।उन्होंने कहा कि नक्सली संगठन में जाने के बाद घर की काफी याद आता था मगर संगठन का नियम और पुलिस के डर से घर नहीं जा पाते थे।
उन्होंने कहा की जंगल का जीवन और शहरी जीवन में काफी फर्क है। वे जब से नक्सली ज्वाइन किए तब से अब तक घर नहीं आए थे। अब उसने आत्मसमर्पण कर दिया है तो काफी अच्छा लग रहा है। नकस्ली सूरज मुर्मू ने अन्य नक्सलियों के बारे में कहा कि वे चाहते है की सभी नकस्ली मुख्यधारा से जुड़े और अपने जीवन को बेहतर ढंग से जिए।
हार्डकोर नक्सली के खिलाफ कई जिला में है केस दर्जमुंगेर एसपी जग्गुनाथ रेड्डी जला रेड्डी ने बताया कि हवेली खड़गपुर थाना कांड संख्या 201/20 में संपूर्ण ओपी क्षेत्र के हर कुंड गांव के समीप पहाड़ के गर्म पनिया के पास पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में शामिल है।
जबकि जमुई जिला अंतर्गत चकाई थाना कांड संख्या 175/21 में चकाई थाना क्षेत्र के बांगी पंचायत में पिता पुत्र का पुलिस मुखबिरी बता कर निर्मम हत्या करने में भी यह शामिल था।जबकि जमुई जिला के ही गरही थाना कांड संख्या10/22 गरही थाना क्षेत्र के हरणी पंचायत के सकदरी गांव में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में हार्डकोर नक्सली मतलु तूरी मारा गया एवं भारी मात्रा में हथियार और गोली बरामद किया गया था। लखीसराय जिला के पीरी बाजार थाना कांड संख्या 79/21में कजरा थाना क्षेत्र में सड़क का निर्माण कार्य के दौरान ठेकेदार और मजदूरों से मारपीट कर ऑटो को जला देने के घटना में भी शामिल था।
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