मुंगेर के भाजपा विधायक ने स्टूडेंट को धमकाया:प्रदर्शन कर रहे छात्रों से कहा- मुझे पहचानते नहीं हो,दो मिनट में खाली करवा देंगे

मुंगेर4 महीने पहले
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मुंगेर यूनिवर्सिटी में सीनेट की बैठक में विरोध कर रहे छात्रों को धमकाने का मामला सामने आया है। मुंगेर भाजपा विधायक प्रणव कुमार ने धरने पर बैठे छात्रों से कहा कि 2 मिनट में जगह खाली करवा दूंगा।

विधायक का धमकाने का वीडियो भी सामने आया है। शनिवार को सीनेट की बैठक में शामिल होने आए विधायकों को छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा। सीनेट के बैठक में एमयू के वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 876 करोड़ के घाटे के बजट को पारित किया गया।

वहीं, छात्र संगठन से जुड़े छात्रों ने बीस सूत्री मांगों को लेकर मुंगेर कुलपति प्रो. श्यामा राय के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे। इसको देखते हुए यूनिवर्सिटी कैंपस में भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी। यूनिवर्सिटी के मेन गेट को बंद रखा गया था, जिसकी वजह से छात्र राजद और एवीबीपी के कार्यकर्ता गेट के बाहर नारेबाजी कर अपना विरोध प्रकट कर रहे थे।

विरोध प्रदर्शन करते छात्र।
विरोध प्रदर्शन करते छात्र।

बैठक खत्म होने के बाद मुंगेर के भाजपा विधायक प्रणव कुमार जैसे ही बाहर निकले तो छात्र संघ प्रणव कुमार गो बैक-गो बैक का नारा लगाने लगे। इसी दौरान विधायक को गुस्सा आ गया। उन्होंने छात्रों से कहा- तुम लोग मुझे पहचानते नहीं हो बस दो मिनट में खाली करवा देंगे।

इसके अलावा अलोली से राजद विधायक रामवृक्ष सदा और पीरपैंती विधायक ललन कुमार को भी छात्रों का विरोध झेलना पड़ा था।

शनिवार को छात्र संगठन ने 20 सूत्री मांग को लेकर प्रदर्शन किया था।
शनिवार को छात्र संगठन ने 20 सूत्री मांग को लेकर प्रदर्शन किया था।

इस संबंध में छात्र राजद के जिलाध्यक्ष यीशु यादव ने बताया कि कई संगठनों के लोग सीनेट की बैठक का विरोध कर रहे थे। उसी समय भाजपा विधायक द्वारा विरोध कर रहे छात्रों के साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया गया जो कि सही नहीं है। इसका छात्र राजद विरोध करता है।

भाजपा विधायक प्रणव कुमार।
भाजपा विधायक प्रणव कुमार।

वे छात्र नहीं थे, हमारा विरोध कर थे
इधर, भाजपा विधायक प्रणव कुमार ने बताया कि यूनिवर्सिटी की गेट के बाहर कई लोग डंडा लिए खड़े थे और हमें निकलने नहीं दे रहे थे। इसके बाद आग्रह भी किया तो वह लोग नहीं माने। बल्कि कई तरह की नारेबाजी करने लगे। वह लोग कोई छात्र संगठन के नहीं थे। बल्कि वह अपराधी किस्म के लोग थे, जिसको लेकर उन्हें डांटा गया था, जबकि जो विरोध कर रहे हैं, उनको यह विरोध मुंगेर यूनिवर्सिटी के प्रबंधक से और सीनेट के अन्य सदस्यों से या सरकार के अंग से करना चाहिए था। पर वह उन सबको छोड़ बेवजह हमारा ही विरोध करने लगे थे। इसके बाद उन्हें डांटा था।

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