रामगढ़वा मनरेगा ने लोकपाल के आदेश की भी धज्जी उड़ा दी है। जिन वनपोषकों काे मजदूरी देने का आदेश 2020 में ही लोकपाल ने दिया। वे आज तक इसके लिए अधिकारियों का दरवाजा खटखटा रहे हैं। यह मामला शिवनगर इनरवा पंचायत के परसौना मदन के चार वन पोषकों का है। यह लोग 2011-12 में मनरेगा के तहत वन पोषक के रूप में मजदूरी कर चुके हैं। शिवनगर इनरवा पंचायत के संजय सिंह, झुनू सिंह, गजेंद्र सिंह, बच्चा सिंह इत्यादि ऐसे लोग हैं, जिन्होंने मनरेगा के तहत वनपोषक के रूप में कार्य किया, लेकिन मजदूरी नहीं मिली। इसके बाद मजदूरी पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। मजदूरी भुगतान के लिए इन्होंने तत्कालीन मुखिया से लेकर मनरेगा पीओ तक गुहार लगाई, लेकिन 10 वर्ष बीत गए और इनको मजदूरी नहीं मिली। अब इनकी समस्या और इसलिए बढ़ गई है क्योंकि वर्तमान में पंचायत के मुखिया भी बदल गए हैं और मनरेगा के अधिकारी और कर्मचारी भी नए आ गए हैं। जब तत्कालीन मुखिया व मनरेगा अधिकारियों के रहते इनका मामला नहीं सुलझ सका तो नए अधिकारी, कर्मचारी व मुखिया के कार्यकाल में यह असंभव लग रहा है। मनरेगा पीओ अश्विनी कुमार ने बताया कि इन वन पोषकों का मामला बहुत पुराना है। मनरेगा में कार्य का भुगतान नहीं करना सामाजिक और कानूनी दोनों रूप से न्यायसंगत नहीं है।
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