बिहार की ज्योति कुमारी को साइक्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने अगले महीने ट्रायल के लिए बुलाया है। 15 साल की ज्योति लॉकडाउन के दौरान गुरुग्राम से बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर कमतौल थाना क्षेत्र की टेकटार पंचायत के सिरहुल्ली गांव आई थी। ज्योति ने 1200 किमी साइकिल 7 दिनों में चलाई थी। फेडरेशन के चेयरमैन ओंकार सिंह ने कहा कि ज्योति अगर ट्रायल में सफल रहती हैं तो उन्हें दिल्ली स्थित नेशनल साइक्लिंग एकेडमी में जगह दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ज्योति से बात हुई है।
ट्रायल के लिए दिल्ली आने जाने का खर्च फेडरेशन उठाएगा
फेडरेशन के चेयरमैन ने कहा कि लॉकडाउन हटने के बाद अगले महीने दिल्ली आने को कहा है। सभी खर्च हम उठाएंगे। अगर वे किसी के साथ आना चाहती हैं तो हम इसकी भी अनुमति देंगे। ओंकार सिंह ने कहा, ‘1200 किमी से अधिक साइकिल चलाने के लिए स्ट्रेंथ और फिजिकल एंड्यूरेंस होना चाहिए। हम एकेडमी में कम्प्यूटराइज्ड साइकिल से 7-8 पैरामीटर का परीक्षण करेंगे। वे सफल रहीं तो एकेडमी में जगह मिलेगी।
ज्योति को क्यों साइकिल से करनी पड़ी इतनी लंबी यात्रा
आठवीं क्लास की छात्रा ज्योति ने बताया कि गुरुग्राम में उसके पिता बीमार थे। लॉकडाउन के दौरान उनका सही से इलाज नहीं हो पाया। पैसे की कमी से खाने में भी दिक्कत होने लगी थी। मकान मालिक रूम छोड़ने के लिए दबाव देने लगे थे। ज्योति ने कहा कि साइकिल के सिवा आने के लिए और कुछ नहीं था। मैंने साइकिल से घर आने का फैसला लिया। पापा को साइकिल पर बैठा कर 10 मई को गुरुग्राम से चली थी।
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