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प्रखंड की तकरीबन सभी पंचायतों के गांवाें में शराबबंदी के बावजूद शराब की होम डिलीवरी हाे रही है। जेल से छूटने के बाद भी शराब तस्कर भी इस अवैध काराेबार में जुट जाते हैं। प्रशासन शराब की तस्करी पर लगातार नकेल कस रहा है। इससे परेशान शराब तस्करों ने विभिन्न टोले मोहल्ले में गुर, यूरिया व अनाज को सड़ाकर देसी शराब बनानी शुरू कर दी है। आलम यह हो चुका है कि इलाके के रतनपुर, ब्रह्मपुर, राढी, कछुआ सहित लगभग पंचायतों में शराब की दर्जनाें मिनी फैक्ट्रियां खुल चुकी हैं।
इसे राेकने के लिए जाले पुलिस व सामान्य प्रशासन ने मिलकर अनोखी पहल शुरू की है। गुरुवार को प्रखंड की कछुआ पंचायत के कोरहंस रतनपुर गांव में शराब तस्करों व नशेड़ियों पर नकेल कसने को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अभियान में जाले बीडीओ राजेश कुमार, थानाध्यक्ष दिलीप कुमार पाठक सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने महिलाओं को शराब तस्करों व नशेड़ियाें पर कड़ी नजर रखने की सलाह दी। ग्रामीणों व महिलाओं ने एक स्वर में कहा कि हम गरीबों के पास कोई रोजगार नहीं है। न ही कोई व्यवसाय करने के लिए रुपए हैं। ऐसे में भला शराब तस्करी कर अपना जीवन यापन करने वाले गरीब क्या करेंगे।
शराब निर्माण व इसका व्यवसाय करना दंडनीय अपराध है, शराबबंदी में करें सहयाेग : थानाध्यक्ष
थानाध्यक्ष दिलीप कुमार पाठक ने ग्रामीणों को आगाह करते हुए बताया कि शराब निर्माण व इसका व्यवसाय करना दंडनीय अपराध है। पुलिस अपनी ओर से हर व्यक्ति की मदद करना चाहती है। आग्रह है कि समाज में शराब पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाने में सहयोग करें। सभा में उपस्थित पुनीता देवी, कमरिया देवी, जसिया देवी, रामप्रीत सहनी, विनोद सहनी सहित दर्जनों लोगों ने शराब पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाने पर अपनी सहमति जताई। महिलाओं के समूह ने यह निर्णय लिया कि शराब के नशे में पाए जाने वाले व्यक्ति पर महिला समूह की अाेर से कार्रवाई की जाएगी।
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