वैदेही कला परिषद के तत्वाधान में बहुत ही उत्साहित माहौल में करोना नियम का पालन करते हुए संगीत कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम हरिशंकर संगीत महाविद्यालय से प्रसारित हुआ। कार्यक्रम की शुरूआत तबला वादन से आशुतोष मिश्रा व हारमोनियम पर संगत ऱविशंकर मिश्र ने करते हुए किया। प्रणव की संस्कृत में गायन उच्चतम केशवम से गायन आरंभ हुआ। कुमारी वैभव मिश्रा ने मैथिल छी मिथिला हमर की प्रस्तुती किया। नीतिश ने धन्य जिला मधुबनी-नचारी के बाद अभिषेक ठाकुर चंद्रमा उतरल गगन स, कुमारी पूजा - मोरा अंगनवा चानन के गछिया, कुमारी भारती - मिथिला के धीया सिया, माधवी की भगवती गीत जगदंब हमर अवलंव, आशुतोष मिश्रा की गजल चुपके दो रात दिन बहुत ही सराहनीय रहा। वहीं, भोलानंद झा ने राग मालकोश में- मत जा मत जा जोगी तथा उमेश मिश्र की राग बागेश्वरी में कहुना करब की प्रस्तुती पर श्रोता झूम उठे। कार्यक्रम का सबसे सुंदर मैथिली गीत अरूणोदय कुमार नवीन ने भगवती गीत समदाउन अंत में एक ग़ज़ल गाकर समा बांध दिया। इस दौरान तवला पर संगत संत कुमार, आशुतोष व धीरज व हारमोनियम पर अभिषेक ने साथ दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जीवछ ठाकुर धन्यवाद ज्ञापन उमेश मिश्र व मंच संचालन रविशंकर मिश्र ने किया।
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