नावों के सफल परिचालन व रेस्क्यू के लिए जिलाधिकारी के निर्देश पर आठ जुलाई को सदर एसडीओ प्रियरंजन राजू ने बंजरिया के मनरेगा पीओ की ड्यूटी भोला चौक अजगरी में लगाई गई थी। वह आठ जुलाई के बाद भोला चौक पर दिखे ही नहीं। उनकी तैनाती नावों के परिचालन व लोगों के आवागमन में दिक्कत नहीं हो, इसके लिए की गई थी। पीओ संजीव राय के बारे में सीओ मणि कुमार वर्मा ने बताया कि उनका मोबाइल चार दिनों से नहीं लग रहा है। पत्र में बिल्कुल स्पष्ट है कि उक्त दंडाधिकारी द्वारा निजी नावों के परिचालन, राहत वितरण के साथ एनडीआरएफ व एसडीआरएफ काे नावों का सफल परिचालन भी कराना था।
एनडीआरएफ के अधिकारी ने बताया- सर्च लाइट पानी में काम नहीं करती
भोला चौक पर तैनात एनडीआरएफ के एएसआई मदन कुमार ने बताया कि हमारे पास सर्च लाइट है। सर्च लाइट सुखी जमीन पर अच्छी तरह काम करता है। पानी उसकी रोशनी वापस लौट कर आती है। ऐसे में दूर वाले लोग हमें देख कर हमारे ओएस आ सकते हैं। हमें उनके पास जाने में काफी दिक्कत आती है। हमारी रोशनी को देखकर कोई आवाज लगाए तो हम वहां अवश्य पहुंच जाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि हम बाहर से आए हैं। हमें एक स्थानीय गाइड की आवश्यकता होती है, जो हमें अंधेरे में रास्ता दिखाए।
प्रखंड में एनडीआरएफ की दो टीम व एसडीआरएफ की दो टीमें तैनात हैं, जिनके जिम्मे प्रखंड के बाढ़पीड़ितों की सहायता का जिम्मा है। व्यवस्था सही ढंग से नहीं होने के कारण बाढ़पीड़ितों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसका जीता-जागता उदाहरण सोमवार जनेरवा में देखने को मिला, जहां एक तीन माह की बच्ची का समय पर रेस्क्यू नहीं किए जाने के कारण उसकी मौत हो गई। पिछले वर्ष भी एक दिन की बच्ची को रेस्क्यू कर बोट से लाया जा रहा था। तभी रास्ते में ही बोट का तेल खत्म हो गया व तेल आता तब तक बच्ची की नाव पर ही मौत हो गई थी। सदर एसडीओ प्रियरंजन राजू ने बताया कि भोला चौक पर तीन शिफ्ट में अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी,
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