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बगैर जमीनी हकीकत देखे बड़ी राशि से बनाए गए 12 प्रोजेक्ट को स्मार्ट सिटी मिशन मुजफ्फरपुर की योजना से ड्रॉप कर दिया गया है। 4 जनवरी को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग में इन योजनाओं पर चर्चा की गई थी। जिसे तत्काल प्रभाव से ड्रॉप करने का फैसला लिया गया है।
साथ ही डीएम आवास के सामने शिक्षा विभाग के जर्जर भवन व ऑडिटोरियम को डेवलपमेंट का फैसला लिया गया है। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में हुई चर्चा पर किसी तरह की आपत्ति सदस्यों द्वारा नहीं जताई गई। जिसके बाद इन प्रोजेक्ट को ड्रॉप करने का फैसला लिया गया है। गन्ना व लीची के उत्पादन को लेकर रिसर्च सेंटर व कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए नगर निगम क्षेत्र में जगह नहीं होने की वजह से इस योजना को ड्रॉप कर दिया गया है।
इंटीग्रेटेड बस टर्मिनल शहर से बाहर बनाने का प्रपोजल रहने की वजह से स्मार्ट सिटी मिशन की योजना से उसे भी ड्रॉप किया गया है। एंट्री गेट बस टर्मिनल के लिए 125 करोड़ का प्रोजेक्ट बनाया गया था। सिकंदरपुर से लक्ष्मी चौक सड़क के सौंदर्यीकरण का प्रपोजल भी खारिज कर दिया गया है सिकंदरपुर से लक्ष्मी चौक सड़क पथ निर्माण विभाग द्वारा हाल में बनाया गया है।
साढ़े चार करोड़ की लागत से मुजफ्फरपुर जंक्शन परिसर में सोलर पैनल लगाने के प्रपोजल को भी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने मंजूरी नहीं दी है। यह काम रेलवे द्वारा खुद किया जाएगा। रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के लिए स्मार्ट सिटी मिशन में 23.48 करोड़ का प्रपोजल तैयार किया गया था। रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का काम मुजफ्फरपुर में बुडको द्वारा शुरू कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शिलान्यास भी कर चुके हैं। ऐसी स्थिति में इस प्रपोजल को भी ड्रॉप कर दिया गया है। सरकारी भवन में वाटर हॉर्वेस्टिंग सिस्टम बनाने को लेकर एक करोड़ 10 लाख का प्रपोजल तैयार किया गया था। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने निर्णय लिया है कि यह काम भवन निर्माण विभाग द्वारा किया जाएगा। वाटर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के लिए 13.5 करोड़ के प्रोजेक्ट को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने स्मार्ट सिटी मिशन से हटा दिया है।
नगर निगम द्वारा हर घर नल जल योजना के तहत यह काम किया जाएगा। 167 करोड़ की योजना से स्ट्रीट लाइट पोल पर विज्ञापन बोर्ड लगाने की योजना को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि इसको लेकर बहुत भारी-भरकम राशि की योजना बना दी गई है। इस राशि का इस्तेमाल किसी दूसरे योजना में किया जाए। अपग्रेडेड पावर इंफ्रास्ट्रक्चर को डिवेलप करने के लिए 41.70 करोड़ के प्रोजेक्ट को भी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने मंजूरी नहीं दी है। इस योजना पर एनबीपीडीसीएल द्वारा काम किया जा रहा है।
मल्टीलेवल कार पार्क व स्मार्ट पार्किंग प्रोजेक्ट में होगा सुधार
इमली चट्टी बस स्टैंड परिसर के अंदर लगभग 300 कारों के प्रावधान के साथ पारंपरिक बहुमंजिला पार्किंग क्षेत्र के निर्माण का प्रस्ताव है। शहर के चार अलग-अलग क्षेत्रों में स्वचालित पार्किंग जरूरी है, जहां भूमि मिलना दुर्लभ है और पार्किंग की आवश्यकता है। सिटी पार्क और इंदिरा पार्क वर्तमान एबीडी क्षेत्र के अंदर है।
सिटी पार्क में साउंड-लाइट शो और इंदिरा पार्क में पानी का फव्वारा मनोरंजन प्रस्तावित है। बोर्ड ने चर्चा की है कि एलएस कॉलेज परिसर स्थित तारामंडल और वेधशाला को डेवलप किया जा सकता है। डीएम निवास के सामने जिला लोक शिक्षा समिति का कार्यालय है जो जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है। इसके विकास पर भी सहमति बनी।
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