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शहर में होल्डिंग टैक्स वसूली आउटसोर्सिंग करने को लेकर एक बार फिर घमासान शुरू हो गया है। डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला समेत 26 पार्षदाें ने प्रधान सचिव को इसके खिलाफ पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव गिर चुका है।
इसके साथ ही नगर आयुक्त को भी पूरी स्थिति से अवगत करा दिया गया। इस प्रकरण में सबसे दिलचस्प यह है कि पार्षदाें में मेयर के बेहद करीबी पूर्व पार्षद विजय झा की पत्नी सीमा झा, शेरू अहमद, रेशमी आरा ने भी प्रस्ताव के विराेध में लिखा है। इससे मेयर को झटका लगा है।
प्रधान सचिव को लिखे पत्र में पार्षदों ने उल्लेख किया है कि 8 फरवरी को नगर निगम बोर्ड की बैठक हुई थी। उसमें नगर आयुक्त द्वारा होल्डिंग टैक्स की वसूली आउटसोर्सिंग से कराने का प्रस्ताव लाया गया था। उसका इन लाेगाें ने विरोध किया था। यह प्रस्ताव बाेर्ड में गिर चुका है। उधर, आउटसोर्सिंग के विराेध में आधे से अधिक पार्षदों के पत्र लिखने से नगर निगम के अधिकारी भी ऊहापोह में फंस गए हैं।
वार्ड पार्षद केपी पप्पू का कहना है कि शहर के हर नागरिक का ख्याल करना निगम बोर्ड के सदस्यों की जिम्मेदारी है। आउटसोर्सिंग होते ही हाेल्डिंग टैक्स अप्रत्यक्ष रूप से 5 गुना बढ़ जाएगा। कई कारोबारियाें की दुकान मार्केट में होती है, जबकि वे अपने घर में गोदाम रखते है। अपने रिश्तेदार के लड़कों को पढ़ाई के लिए भी कुछ लोग अपने यहां रखते हैं। आउटसोर्सिंग होने के बाद निजी एजेंसी जबरन काॅमर्शियल टैक्स वसूली शुरू कर देगी।
पार्षद सीमा झा समेत कई अन्य करीबी पार्षदों द्वारा विरोध पत्र लिखे जाने पर मेयर को लगा झटका
अभी तहसीलदार करते हैं वसूली
शहर में होल्डिंग टैक्स की वसूली नगर निगम अपने तहसीलदार से करा रहा है। मेयर व निगम प्रशासन का मानना है कि तहसीलदार सही से वसूली नहीं कर रहे। निगम की माली हालत खराब है। पटना व गया आउटसोर्सिंग को दे चुका है। यहां भी प्रस्ताव निगम बोर्ड में 8 फरवरी को लाया गया। डिप्टी मेयर समेत कई पार्षदों के जबरदस्त विरोध पर मेयर विशेष बैठक बुलाने की बात कह बैठक से निकल गए। उसके बाद डिप्टी मेयर द्वारा संचालन के दाैरान पार्षदों ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
अब तक जारी नहीं की जा सकी है प्रोसीडिंग, छेड़छाड़ का आरोप
1 फरवरी को हुई सशक्त स्थाई समिति की बैठक की प्रोसीडिंग अब तक जारी नहीं हो सकी है। वार्ड पार्षद संजय केजरीवाल का कहना है कि उस बैठक में आउटसोर्सिंग का प्रस्ताव लाया ही नहीं गया था। डीएम की मौजूदगी में बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग की जांच होनी चाहिए। निजी लाभ के लिए होल्डिंग टैक्स वसूली काे आउटसोर्सिंग किया जा रहा है। शहरवासियाें को भी विरोध करना चाहिए। यह उनपर बोझ होगा। उधर, मेयर सुरेश कुमार का कहना है कि शहर के विकास को लेकर पार्षदों के अपने-अपने मत व विचार हैं। सरकार की गाइडलाइन के अनुसार होल्डिंग टैक्स की वसूली आउटसोर्सिंग से कराने का प्रस्ताव है।
प्रस्ताव काे लेकर वोटिंग कराने की बन रही स्थिति
मुजफ्फरपुर नगर निगम में पार्षदों की संख्या 49 है। 26 पार्षदों द्वारा नगर निगम बोर्ड में लाए गए प्रस्ताव के खिलाफ पत्र लिखने से मामला बेहद पेचीदा हो गया है। वोटिंग की स्थिति बन रही है। 8 फरवरी की बैठक में महापौर सुरेश कुमार ने आउटसोर्सिंग से होल्डिंग टैक्स वसूली के प्रस्ताव को स्थगित करते हुए विशेष बैठक बुलाने की बात सदन को बताई थी। 14 दिन बाद भी विशेष बैठक की सूचना अब तक जारी नहीं हुई है। उधर, सोमवार को नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने इसे लेकर 5 सदस्य कमेटी का गठन किया।
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