उत्तर बिहार के चर्चित संताेष झा की हत्या के बाद उसके गैंग की कमान संभालने वाला विकास झा तिहाड़ जेल में रहकर बड़े वारदात काे अंजाम दिलवा रहा है। गैंगवार में अहियापुर के शहबाजपुर में मारे गए नवल किशाेर सिंह की हत्या के बाद पुलिस ने विकास झा गैंग के 7 सातिर शूटराें काे चिह्नित किया। इसमें बनारस से पकड़े गए आयुष राणा काे जेल भेजने के बाद अहियापुर पुलिस अन्य शूटर काे पकड़ने में शिथिल पड़ गई है।
सीतामढ़ी जिले में जाकर गैंग के शातिर काे पकड़ना अहियापुर पुलिस के लिए टेढ़ी खीर है। इसके लिए रेंज स्तर पर विशेष पुलिस टीम बनाने की जरूरत है, ताकि यह टीम रणनीति बनाकर सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर व माेतिहारी जिले में लगातार अभियान चला सके। जानकाराें का कहना है, इस तरह के बड़े गैंग के शातिराें काे एक दिन की छापेमारी में नहीं पकड़ा जा सकता है। निरंतर सर्विलांस के बाद शूटर का लाेकेशन मिलेगी। तभी गिरफ्तारी संभव हाे पाएगी।
विकास झा की न्यायिक रिमांड के लिए काेर्ट में नहीं डाली गई अर्जी
मुखिया श्रीनारायण सिंह के भाई नवल किशाेर सिंह की हत्या में विकास झा काे न्यायिक रिमांड के लिए पुलिस ने अब तक काेर्ट में अर्जी नहीं दी है। अहियापुर थाने की ओर से अर्जी देने के बाद ही उसे तिहाड़ जेल से मुजफ्फरपुर लाया जाएगा। फिलहाल, बीते महीने उसे शिवहर काेर्ट में श्रीनारायण सिंह हत्याकांड में पेशी कराने के बाद फिर से तिहाड़ जेल भेज दिया गया है।
दरभंगा में दाे इंजीनियराें की हत्या के लिए सजा पा चुका है मास्टरमाइंड
इस गैंग का लीडर विकास झा दरभंगा में दाे इंजीनयिराें की हत्या में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है। उसके गैंग का शातिर विशाल झा, विजय झा, कुंदन झा, कन्हाई झा, अभिषेक मिश्रा अादि शूटर भी काफी शातिर है। भागलपुर से पुलिस अभिरक्षा से विकास झा काे उसके शूटर ने भगा लिया था।
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