नगर निगम में कुर्सी की जंग:डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर दिए आवेदन पर 23 काे बैठक होनी तय, मेयर खुद के मामले में बैठक की तिथि का इसके बाद कर सकते हैं ऐलान

मुजफ्फरपुर2 वर्ष पहले
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डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर 23 जुलाई काे बैठक हाेगी। मेयर सुरेश कुमार द्वारा तय की गई इस तिथि के संबंध में नगर निगम प्रशासन शीघ्र ही पार्षदाें काे सूचना भेजेगा। अब मेयर सुरेश कुमार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाने का मुद्दा फंस गया है।वैसे नगर निगम की राजनीति में सक्रिय लाेगाें की मानें ताे मेयर सुरेश कुमार समय खींचने की नीति पर काम कर रहे हैं।

वे खुद पर लाए गए अविश्वास के मुद्दे पर बैठक बुलाने के लिए 18 जुलाई तक नगर अायुक्त काे पत्र भेज सकते हैं। ऐसे में उन्हें बैठक बुलाने के लिए 29 जुलाई तक का समय मिल सकता है। दूसरी तरफ यदि मेयर ने खुद के खिलाफ रखे गए अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक नहीं बुलाई ताे 18 के बाद पार्षद स्वयं बैठक की तिथि घाेषित करने के लिए स्वतंत्र हाेंगे। ऐसे में मेयर सुरेश कुमार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक 23 या उसके बाद किसी दिन भी हाे सकती है।

18 को डिप्टी मेयर के खिलाफ हुई बैठक तो मेयर के मामले में 23 या उसके बाद ही होगी

नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने बताया कि डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की बैठक की अध्यक्षता मेयर करेंगे। लेकिन मेयर के खिलाफ वार्ड पार्षदाें के एेलान से बैठक आती है ताे उसकी अध्यक्षता काेई वरिष्ठ वार्ड पार्षद ही करेंगे। जिसका चुनाव अन्य सभी पार्षद मिलकर करेंगे। उस बैठक की अध्यक्षता मेयर या डिप्टी मेयर नहीं कर सकते हैं।

19 जुलाई काे मेयर खिलाफ बैठक का ऐलान करने के लिए पार्षदाें काे कम से कम 72 घंटे का अंतराल रखना हाेगा। इस तरह मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की बैठक 23 जुलाई या उसके बाद ही हाे सकेगी। इस बीच मेयर सुरेश कुमार हाईकाेर्ट में भी याचिका दायर कर नई पेच फंसा दी है। उनकी याचिका पर सुनवाई हाेने तक यदि मेयर के खिलाफ अविश्वास की बैठक पर काेर्ट से राेक लग जाता रूठे पार्षदाें काे मनाने का समय मिल जाएगा।

पार्षद राकेश पिंटू के पक्ष में 32 से अधिक पार्षदों के होने का दावा

वार्ड संख्या तीन के पार्षद राकेश कुमार पिंटू काे नया मेयर बनाने के लिए किंगमेकर पक्ष के पार्षदाें की गाेलबंदी तेज है। वार्ड संख्या 23 के पार्षद राकेश सिन्हा पप्पू ने इसके पक्ष में 32 से अधिक पार्षदाें के समर्थन का दावा किया है। बताया कि डिप्टी मेयर के भी पक्ष में 32 से अधिक पार्षद है। इसके लिए वार्ड पार्षद लगातार एक दूसरे से संपर्क साध रहे हैं। इधर, वार्ड 46 के पार्षद नंद कुमार प्रसाद साह उर्फ नंदू बाबू के पक्ष में भी कई पार्षद गाेलबंद है। मेयर काे हटाकर नया मेयर बनने में काैन गुट बाजी मारेगा, यह आने वाला समय ही बता पाएगा।

नगर निगम में मेयर और डिप्टी मेयर पर अविश्वास प्रस्ताव की राजनीति के बीच खरीद-फराेख्त पर है खुफिया विभाग की नजर
नगर निगम में मेयर और डिप्टी मेयर के खिलाफ चल रही अविश्वास प्रस्ताव की राजनीति के बीच पार्षदाें की खरीद-फराेख्त पर भी खुफिया विभाग नजर बनाए हुए है। खुफिया अधिकारी का मानना है कि मेयर काे हटाने के समर्थन वाले पार्षदाें की गाेलबंदी ज्यादा मजबूत है। इसके लिए नए मेयर काे बनाने में रुपए का भारी खेल हाे सकता है। मेयर का अगला कार्यकाल एक वर्ष से कम का हाेगा। चर्चा है कि पार्षद का साथ पाने के लिए 50 लाख रुपए तक का खेल हाे सकता है।

नागरिक माेर्चा ने कहा- निगम में रुपए के खेल की हो न्यायिक जांच

दूसरी तरफ इस मामले में नागरिक माेर्चा ने नगर निगम में पहले से ही अविश्वास प्रस्ताव की अार में रुपए का खेल होने का अाराेप लगाया है। माेर्चा के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस पर लगाम लगाने के लिए शहीद खुदीराम बाेस स्मारक स्थल पर धरना दिया गया। नगर िनगम में स्व. समीर कुमार के बाद के सभी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव की न्यायिक जांच कराने की मांग की है।

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