मुजफ्फरपुर में नूडल्स फैक्ट्री में बॉयलर फटने की घटना को पुलिस प्रशासन ने गैर इरादतन हत्या का मामला माना है। बेला औद्योगिक क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रभारी प्रसाद कुमार श्रीवास्तव के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। इसमें फैक्ट्री के निदेशक विकास मोदी, पत्नी श्वेता मोदी, दो मैनेजर, सुपरवाइजर व टेक्निशियन आदि आरोपी हैं।
बॉयलर में गड़बड़ी से नहीं, ऑपेरेशनल फॉल्ट से हुआ हादसा
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, यह सीधे तौर पर लापरवाही का मामला है। बॉयलर का मेंटेनेंस हुआ होता तो इस तरह की घटना नहीं होती। मई 2020 में बॉयलर का मेंटेनेंस बताया जा रहा है। पूरी जांच के बाद यह देखा जाएगा कि वास्तव में उस समय मेंटेनेंस हुआ था या केवल सर्टिफिकेट मैनेज हुआ। FSL की टीम ने भी मौके पर पहुंच कर जांच की है।
जानिए, मुजफ्फरपुर हादसे के पीछे की कहानी
वहीं, घटनास्थल पर बॉयलर के टुकड़े, दीवारों के पिलर और टीन की छतों के बीच मृतकों के अंग चिथड़े बनकर फंसे हुए थे। कहीं कमर का निचला हिस्सा फंसा था तो कहीं पेट की अतड़ियां और पैर। कहीं सिर चकनाचूर होकर बिखरा हुआ था। कुछ कदमों की दूरी पर नूडल्स को पॉलिथीन में स्टोर कर रखा गया था। जब कोई उपाय नहीं सूझा तो स्थानीय युवकों ने हाथ में ग्लब्स पहनकर नूडल्स वाली पॉलिथीन में ही लाश के टुकड़ों को चुन-चुन कर रखना शुरू कर दिया।
मुजफ्फरपुर हादसे की 7 तस्वीरें
मशीन से छड़ों और बॉयलर के टुकड़ों को काटा
बचाव कार्य में लगे सुंदेश्वर ने बताया, 'मजदूरों के कंबलों में उसे लपेट कर एंबुलेंस से SKMCH पहुंचाया गया। मलबा इतना ज्यादा था कि दो दर्जन से अधिक लोग मिलकर भी उसे नहीं हटा पा रहे थे। SDRF की टीम ने लोहा काटने वाली मशीन से छड़ों और बॉयलर के टुकड़ों को काटा, तब मृतकों के शरीर के टुकड़े बाहर निकल सके।
मलबों में दबी हुई थीं अपनों की निशानियां
धमाके की खबर पाकर अपनों की तलाश में पहुंचे परिजनों ने फैक्ट्री पहुंचकर मलबों को टटोलना शुरू किया। अपने लोगों की निशानियां खोजने लगे। मलबे में चप्पल से लेकर गर्म कपड़े के टुकड़े जगह-जगह दबे पड़े थे। सिहो बघनगरी से अपनी साली गीता कुमारी की तलाश में फैक्ट्री पहुंचे दिनेश राम मलबे को हटाकर उसमें दबी चीजों को देख रहे थे।
मुजफ्फरपुर हादसे की आंखों देखी
DM-SSP ने घायलों से की बात
SKMCH के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती 4 लोगों से बारी-बारी से SSP और DM ने घटना के बारे में जानकारी ली। इधर, जख्मी लोगों के पहुंचने के करीब 4 घंटे बाद राजस्व मंत्री रामसूरत राय, नगर विधायक विजेंद्र चौधरी और मेयर राकेश पिंटू पहुंचे। विधायक विजेंद्र चौधरी और मेयर राकेश पिंटू ने जख्मी लोगों का हाल जाना। इसके आधे घंटे बाद मंत्री रामसूरत राय पहुंचे।
जमीन पर पड़ी हुईं थीं लाशें, कई लोग मलबे में दबे थे
चूड़ा फैक्ट्री में बोरा में चूड़ा भरने का काम कर रहे थे। उसी समय तेज विस्फोट हुआ और चारों तरफ अंधेरा छा गया। दम घुटने लगा, जिससे मजदूरों के बीच भगदड़ मच गई। लोग चिल्लाने लगे कि विस्फोट हुआ है। हम लोग जैसे-तैसे फैक्ट्री से बाहर निकले तो देखा कि कई घर गिर गए हैं। कई लाश पड़ी हुई है। कई लोग मलबे में दबे हुए हैं। चीख-पुकार मची हुई थी। फिर प्रशासन के लोग आए और हम लोगों को अस्पताल पहुंचाया। घर में किसी को सूचना नहीं दी कि घबरा जाएंगे। बाद में एक संबंधी को सूचना देकर बताया कि सुरक्षित हैं।
(जैसा चूड़ा फैक्ट्री के नरकटियागंज रघई के विशाल ने बताया।)
शवों की हालत से मृतकों की पहचान हुई मुश्किल
कोई चीज फैक्ट्री में गिरी, चारों तरफ छा गया धुआं
सुबह करीब 9.30 बजे चूड़ा फैक्ट्री की दूसरी मंजिल पर 15 मजदूर काम कर रहे थे। इसी बीच तेज विस्फोट के साथ कोई चीज अचानक आकर फैक्ट्री में गिरी। चारों तरफ धुआं छा गया, जिससे दम घुटने लगा। इससे भगदड़ मच गई। पहले तो लगा कि भूकंप आया है। चीखते-चिल्लाते हुए किसी तरह नीचे उतर कर बाहर आए तो पता चला कि बगल स्थित फैक्ट्री के बॉयलर में विस्फोट हुआ है। चूरा फैक्ट्री में जो मजदूर काम कर रहे थे, उसमें दो लोगों की मौत हो गई। हालांकि, भगवान का शुक्र है कि हम लोग बच गए।
- (जैसा चूड़ा फैक्ट्री के मजदूर मधुबनी के बासोपट्टी के संजीव ने बताया)
फैक्ट्री मालिक के आवास पर लटका मिला ताला
नूडल्स फैक्ट्री के मालिक विक्रम मोदी समेत फैक्ट्री से जुड़े तमाम जिम्मेदारों का मोबाइल हादसे के बाद से बंद है। विक्रम मोदी के शहर के पुरानी बाजार स्थित घर पर ताला लटका मिला। हादसे के बाद विक्रम मोदी परिवार समेत किसी गुप्त स्थान पर चले गए। फैक्ट्री से जुड़े कर्मचारियों व अधिकारियों का मोबाइल नंबर बंद रहने से प्रशासन को भी काफी परेशानी हुई। शाम में जाकर केवल गेटकीपर पहुंचा। गेटकीपर ने बताया कि उसके ड्यूटी आने के बाद धमाका हुआ। धमाका के साथ ही कुछ लोग चिल्लाते हुए हमारी तरफ दौड़े। गेट खोलो, गेट खोलो चिल्लाने लगे। तब तक हम भी कुछ नहीं समझ सके।
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