दिल मे छेद वाले बच्चों के परिजन को अब चिंतित होने की ज़रूरत नहीं है। बाल हृदय योजना के अंतर्गत उनका निःशुल्क इलाज संभव है। अब तक मुज़फ्फरपुर और आसपास कर जिलों के कुल 31 बच्चों का इलाज चल रहा है। जिसमें से 16 बच्चों का अबतक ऑपेरशन भी हुआ है। शेष बच्चों का भी ऑपेरशन करने की कवायद चल रही है। इसमें मुजफ्फरपुर के अलावा, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण और सीतामढ़ी समेत अन्य जिलों के मासूम हैं।
सिविल सर्जन डॉ. विनय शर्मा ने बताया कि जिन बच्चों के दिल मे छेद है। उनके परिजन उसे लेकर सदर अस्पताल आते हैं। यहां पर आवश्यक कागज़ी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें IGMS ने जांच के लिए भेजा जाता है। वहां जांच उपरांत अहमदाबाद स्थित श्री सत्य साईं अस्पताल में निःशुल्क ऑपेरशन किया जाता है।
चार और बच्चे भेजे गए
सदर अस्पताल से चार और बच्चों को जांच के लिए IGMS भेजा गया है। जिसमे मड़वन की अनु दामिनी (4), मोतीपुत के सौरभ कुमार (13), मोतीपुर के प्रतीक कुमार (5) और मीनापुर के श्रेयांशु राज (3) शामिल हैं। वहीं सदर अस्पताल पहुंचे देवरिया के रूपेश कुमार ने बताया कि उनका बेटा आयुष्मान राज (18 माह) के दिल मे भी छेद है। उसके इलाज के लिए सदर अस्पताल आएं हैं। यहां से 16 दिसंबर को IGMS भेजने की बात कही गयी है। सभी आवश्यक प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
एम्बुलेंस से भेजना है एयरपोर्ट
इस सम्बंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक सहायक ने भी मुजफ्फरपुर सिविल सर्जन को पत्र जारी कर निर्देश दिया है। इसमे कहा गया है कि बच्चों को एम्बुलेंस से पटना एयरपोर्ट तक भेजना है। वहां से वे फ्लाइट से अहमदाबाद जाएंगे। फिर वहां से जब लौटेंगे तब एयरपोर्ट पर एम्बुलेंस की व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि उससे उन्हें गंतव्य तक पहुंचाया जा सके। साथ ही बच्चों के साथ उनके अभिभावक को परामर्श देना है कि जाने से पूर्व गर्म कपड़े भी रख लें।
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