बिहार सरकार के शराबबंदी के सपने पर पानी फेरने में वर्दीधारी भी आगे हैं। मीनापुर थाना में तैनात ASI रामचंद्र पंडित शराब पीते पकड़े गए। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। चर्चा है कि हाजत में बंद शराब मामले के आरोपी को भी वे पैग बनाकर पीला रहे थे। हालांकि, इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। ASI की गिरफ्तारी की पुष्टि SSP जयंतकांत ने की है। कहा कि आगे की कार्रवाई की जा रही है।
बता दें कि मीनापुर में ट्रेनी IPS शरत आरएस थानेदार के पद पर हैं। उन्होंने ही ASI को शराब का सेवन करते पकड़ा है। आरोपी जमादार पूर्व में टाउन थाना में भी तैनात था। यहां से तबादला होकर मीनापुर गया था। सूत्रों की माने तो उसे शराब पीने की लत थी। वह अक्सर जब ड्यूटी से ऑफ होता था तो शराब का सेवन करता था। रात भी उसने शराब पी थी। इसका पता ट्रेनी IPS को लग गई थी। उन्होंने उसकी ब्रेथ एनालाइजर से जांच करवाई। इसमें अल्कोहल पीने की पुष्टि हुई। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
ASI बोला- जिंदगी में पहली बार गलती हो गयी
ASI को टाउन थाना में रखा गया है। उसे हथकड़ी नहीं पहनाई गयी है। उसे एक कमरे में पुलिस अभिरक्षा में रखा गया है। जब मीडियाकर्मियों ने उससे घटना के संबंध में पूछताछ की तो कहा- सॉरी। जिंदगी में पहली बार गलती हो गयी। हम तो कभी हाथ भी नहीं लगाते हैं। कहा कि रात को एक बारात में शामिल होने चले गए थे। वहीं पर कुछ लोगों ने जबरदस्ती पीला दिया।
सात साल बची है नौकरी
ASI ने कहा कि अब तो सिर्फ सात साल ही नौकरी बची हुई है। हमसे बहुत बड़ी गलती हो गयी। अब वह पछता रहा है। हाथ जोड़ रहा है कि उसे माफ कर दिया जाए। लेकिन, SSP ने कहा कि कानून सबके लिए बराबर है। उसे सस्पेंड करने की कवायद भी की जा रही है। पुलिस अपने बयान पर FIR दर्ज कर उसे जेल भेजेगी।
पहले भी पकड़े गए पुलिसकर्मी
मुजफ्फरपुर में शराबबंदी के बाद भी कई पुलिसकर्मी शराब के नशे में गिरफ्तार होकर जेल गए हैं। काजीमोहम्मदपुर थाना में तैनात एक दारोगा और टाउन थाना के दरोगा मनोज राम निराला को जेल भेजा गया था। दोनों शराब के नशे में गिरफ्तार हुए थे। इसके अलावा मोतीपुर थाना के तत्कालीन इंस्पेक्टर कुमार अमिताभ पर भी शराब माफिया से साठ गांठ का आरोप लगा था। लेकिन, वे फरार हो गए थे।
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