मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में 22 नवंबर को 65 लोगों के आंख की ऑपरेशन के बाद रोशनी जाने के मामले में अस्पताल प्रबंधन पर बुधवार देर शाम प्राथमिकी दर्ज कर ली गई। सिविल सर्जन (CS) और एडिशनल चीफ मेडिकल ऑफिसर (ACMO) ने संयुक्त रूप से आई हॉस्पिटल प्रबंधन की लापरवाही से अब तक 16 लोगों के आंख की रोशनी जाने को लेकर नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई।
दूसरी तरफ, मामले में पीड़ित 9 और लोगों की बुधवार को ऑपरेशन कर आंख निकाली गई। CS ने अब तक 16 लोगों की आंखें निकालने की पुष्टि की है। वहीं चार पीड़ितों को गंभीर होने पर भर्ती किया गया है। जबकि, 4 की आंख का ऑपरेशन आज यानी गुरुवार को किया जाएगा।
वहीं, भास्कर से बातचीत में पीड़ित लोगों का दर्द छलक उठा। वैशाली जिले के रहने वाले भरत पासवान ने बताया, '6 बेटियां है। 4 की शादी किसी तरह तो करा दी, लेकिन अब भी दो बेटियां है। अकेले मेरे कमाने से घर का खर्च चलाता है। आंख में मोतियाबिंद की परेशानी थी। आई हॉस्पिटल में इलाज करवाने पहुंचे थे। यहां ऑपरेशन किया गया, लेकिन उसके बाद आंखों में दर्द शुरू हो गया। पस बहने लगा। अब डॉक्टर कह रहे हैं कि आंख निकालनी पड़ेगी।'
3 माह पहले आंख पर धुंधलापन हुआ
इधर, अहियापुर थाना के द्रोणपुर झपहा निवासी शत्रुध्न महतो ने बताया, 'ट्रैक्टर चालक है। दो बेटे है। एक बेटा निजी स्कूल में शिक्षक है।अपना और पत्नी का खर्च ट्रैक्टर चलाकर पूरा करते थे, लेकिन अब आंख की रोशनी चली गई है। कैसे ट्रैक्टर चलाऊंगा। 3 माह पहले आंख से धुंधला दिखने लगा था। इसके बाद 22 नवंबर को आई हॉस्पिटल पहुंचे। जहां मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया। इसके बाद अब आंख की रोशनी ही चली गई।'
मजदूरी करके भरण पोषण करते थे
पूर्वी चंपारण के मोतिहारी से पहुंचे सिख ओकील ने बताया, 'मजदूरी करते थे। मजदूरी करके किसी तरह अपना और परिवार का भरण पोषण करते थे। अब कर्ज लेकर मोतिहारी से मुजफ्फरपुर आना पड़ रहा है। ताकि, किसी तरह उनकी समस्या दूर हो जाए। मोतियाबिंद की शिकायत पर आंख का ऑपेरशन कराया था। उसके बाद से आंख की रोशनी चली गई। डॉक्टर ने कहा है कि आंख निकालनी होगी। आंख ठीक कराने चला था, अब कर्ज लेकर आंख निकलवाने की नौबत आ गई है।'
इधर, मरीज इंद्रा देवी ने कहा, 'मुझे आंख के बदले आंख चाहिए। दो बेटियां है। कमाने वाले में सिर्फ पति है। प्रत्येक दिन 500 से 1000 रुपए कमाते हैं। अब दिख नहीं रहा है। बेटी की शादी कैसे होगी।'
NHRC ने लिया संज्ञान, मुख्य सचिव को नोटिस
मोतियाबिंद सर्जरी के कारण कई रोगियों की आंखें निकालने की खबर का संज्ञान राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने लिया। आयोग ने पाया है कि लापरवाही से आंखों का ऑपरेशन करना, मेडिकल प्रोटोकॉल के नियमों के उल्लंघन का एक गंभीर मामला है। आयोग ने मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर मामले में 4 हफ्ते में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
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